बारासात/कोलकाता : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज उत्तर 24 परगना जिले के बारासात में महिलाओं की रैली में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि बंगाल पर तृणमूल नाम का ग्रहण लगा हुआ है। वो इस राज्य के विकास को आगे नहीं बढ़ने दे रहा। संदेशखाली का जिक्र करते हुए उन्होंने महिलाओं से अपील की कि इंडी गठबंधन को हराकर देश के कोने-कोने में कमल खिलाना हैं। भारत की नारीशक्ति विकसित भारत की एक सशक्त स्तंभ है। महिलाओं पर केन्द्रित अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि भारत की नारीशक्ति की आर्थिक शक्ति बढ़े, इसके लिए बीते 10 वर्षों में भाजपा सरकार ने लगातार काम किया है।
संदेशखाली की घटना का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने आक्षेप किया कि तुष्टीकरण और टोलाबाजों के दबाव में काम करने वाली तृणमूल सरकार कभी भी बहन बेटियों को सुरक्षा नहीं दे सकती। तृणमूल नेता गरीब, दलित, आदिवासी परिवारों की बहन-बेटियों के साथ जगह-जगह अत्याचार कर रहे हैं। तृणमूल सरकार को अपने अत्याचारी नेता पर भरोसा है, बांग्ला बहन-बेटियों पर भरोसा नहीं है। नारीशक्ति के आक्रोश का ज्वार संदेशखाली तक ही सीमित नहीं रहने वाला है।
प्रधानमंत्री ने संदेशखाली को शर्मसार करने वाली घटना बताते हुए कहा कि तृणमूल के राज में नारीशक्ति पर अत्याचार का घोर पाप हुआ है। घटना ऐसी है कि किसी का भी सिर शर्म से झुक जाएगा। यहां की तृणमूल सरकार को लोगों के दुख से कोई फर्क नहीं पड़ता। तृणमूल कांग्रेस सरकार बंगाल की महिलाओं के गुनाहगारों को बचाने के लिए पूरी शक्ति लगा रही है लेकिन पहले हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट से भी राज्य सरकार को झटका लगा है।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने बलात्कार जैसे जघन्य अपराध के लिए फांसी की सजा देने का फैसला किया है। महिलाओं की शिकायतों के आसान पंजीकरण के लिए हमने ‘महिला हेल्पलाइन’ की व्यवस्था की है। तृणमूल सरकार कभी भी महिलाओं को सुरक्षा नहीं दे सकती और तृणमूल सरकार हेल्पलाइन बंगाल में संचालित नहीं होने दे रही है।
अपने परिव्राजक जीवन को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उस दौरान लोगों से मिले प्यार और अपनेपन का ही वे आज देश की बागडोर संभाल कर कर्ज चुका रहे हैं। उन्होंने कहा कि विपक्षी गठबंधन आगामी चुनावों में हार की हताशा के चलते अब उनको व्यक्तिगत तौर पर निशाना बना रहा है। खुद को देश की 140 करोड़ जनता के परिवार का हिस्सा बताते हुए उन्होंने कहा कि विपक्ष इस बात को नहीं समझ सकता। उन्होंने कहा कि सालों तक परिव्राजक जीवन जीने के दौरान जेब में एक पैसा भी न होते हुए उन्हें देश की माताओं-बहनों ने ही कभी भूखा नहीं रहने दिया।