इतिहास के पन्नों में 17 मार्चः दक्षिण अफ्रीका में ‘रंगभेद’ के खिलाफ जनमत संग्रह, क्लार्क को मिला नोबेल

देश-दुनिया के इतिहास में 17 मार्च की तारीख तमाम अहम वजह से दर्ज है। यह तारीख दक्षिण अफ्रीका के लोगों के लिए यादगार है। 17 मार्च, 1992 को दक्षिण अफ्रीका के 33 लाख श्वेत मतदाताओं से पूछा गया कि क्या वो रंगभेद नियम को खत्म करना चाहते हैं।

1948 से चले आ रहे इस कानून पर हुए जनमत संग्रह में 28 लाख से ज्यादा श्वेत लोगों ने वोट किया। 68.73 फीसदी लोगों ने इसके पक्ष में वोट किया। इसके साथ ही नेल्सन मंडेला के 27 साल तक जेल में रहने की तपस्या सफल हुई। इस जनमत संग्रह कराने वाले दक्षिण अफ्रीका के तत्कालीन राष्ट्रपति एफडब्ल्यू डी क्लार्क को नोबेल शांति पुरस्कार भी मिला।

महत्वपूर्ण घटनाचक्र

1861: दस साल से ज्यादा समय तक चले आंदोलन के बाद इटली का एकीकरण हुआ।

1845: ब्रिटेन में रबर बैंड को पेटेंट। ब्रिटेन के स्टीफन पैरी को यह पेटेंट मिला था।

1978: लेबनान पर इजराइल के हमलों के बाद हजारों फिलिस्तीनियों को घर छोड़कर भागना पड़ा।

1987: सुनील गावस्कर ने करिअर का आखिरी टेस्ट मैच पाकिस्तान के खिलाफ खेला। बेंगलुरु में हुए इस मैच में गावस्कर मैन ऑफ द मैच रहे। हालांकि, भारत मैच 16 रन से हार गया।

1994ः नाटो की शांति सहयोग योजना में रूस ने शामिल होने का निर्णय किया।

1996ः लाहौर में सम्पन्न छठे विल्स विश्वकप का खिताब श्रीलंका ने ऑस्ट्रेलिया को हराकर जीता।

1998ः झू रोंगजी चीन के नए प्रधानमंत्री निर्वाचित।

2002ः नेपाल में सुरक्षाबलों से मुठभेड़ में 68 माओवादी मारे गए।

2003ः श्रीलंका शांति वार्ता का छठा दौर जापान में शुरू।

2006ः अमेरिका ने भारत को भरोसेमंद साझीदार घोषित किया।

2008ः अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन केंद्र पर पहुंचे वैज्ञानिकों ने मशीनी मानव को तैनात किया।

2011: संयुक्त राष्ट्र महासंघ की सुरक्षा परिषद ने लीबिया के ऊपर नो फ्लाई जोन बनाने को मंजूरी दी। इसी को आधार बनाकर पश्चिमी देशों ने लीबिया की कर्नल मुअम्मर गद्दाफी सरकार को गिरा दिया।

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