देश-दुनिया के इतिहास में 21 मार्च की तारीख तमाम अहम वजह से दर्ज है। यह तारीख मनुष्यता को भावी संकट से बचाने के लिए बड़े दिवस के रूप में याद की जाती है। यह दिवस है-विश्व वानिकी दिवस। सारा संसार आज वनक्षेत्र घटने से चिंतित है। इसलिए सारी दुनिया में हर साल 21 मार्च को विश्व वानिकी दिवस मनाया जाता है। हर वर्ष की थीम अलग होती है। पिछले साल 2023 में इस दिवस की थीम ”वन और स्वास्थ्य” थी।
इस वर्ष 2024 में विश्व वानिकी दिवस की थीम फॉरेस्ट ऐंड इनोवेशन है। इसका हिंदी अर्थ है ”वन एवं नवीनीकरण।” संयुक्त राष्ट्र महासभा ने विश्व वानिकी दिवस की स्थापना 2012 में की थी। तब से दुनिया भर में लाखों लोग इसे सभी तरह के वनों के संरक्षण के बड़े अवसर के रूप में मनाते हैं। आह्वान किया जाता है कि जो कुछ पेड़ और जंगल हमारे लिए (मनुष्यता) करते हैं, उनकी रक्षा के लिए हम सभी को मिलकर काम करना जरूरी है।
पेड़ हवा को साफ करने से लेकर हमारे पीने के पानी को छानने, हानिकारक यूवी किरणों से हमें छाया प्रदान करने और आश्रय देने का काम करते हैं। पेड़ों की लोगों की आय बढ़ाने में अहम भूमिका होती है। पेड़ हमें पौष्टिक भोजन प्रदान करने, तनाव कम करने, हमारे स्वास्थ्य में सुधार और कार्बन को अलग करने समेत उनकी जड़ें, तने और पत्ते, पेड़ कई अलग-अलग तरह के लाभ प्रदान करते हैं। हम जो भोजन करते हैं, जो पानी पीते हैं और जिन घरों में रहते हैं, वास्तव में हम जो कुछ भी करते हैं वह प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से वनों से जुड़ा होता है। वास्तव में वैश्विक वनों की कटाई में शीर्ष तीन योगदानकर्ता औद्योगिक कृषि, लकड़ी की कटाई और खनन शामिल हैं।
यह अनुमान है कि दुनिया के आधे से अधिक आर्थिक उत्पादन या जीडीपी पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं पर निर्भर करता है। इसमें वनों द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाएं भी शामिल हैं। यही नहीं, धरती के स्वास्थ्य और मानव कल्याण के लिए वन अहम हैं। वन पृथ्वी की लगभग एक तिहाई भूमि को कवर करते हैं और लोगों को लकड़ी, ईंधन, भोजन और चारा जैसे सामान प्रदान करते हैं। जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद करते हैं। जैव विविधता, मिट्टी, नदियों और जलाशयों की रक्षा करते हैं और उन क्षेत्रों के रूप में काम करते हैं जहां लोग प्रकृति के करीब पहुंच सकते हैं।
खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) के अनुसार, वन दुनिया की स्थलीय जैव विविधता के लगभग 80 फीसदी का घर हैं, जिसमें 60,000 से अधिक पेड़ प्रजातियां हैं। लगभग 1.6 अरब लोग भोजन, आश्रय, ऊर्जा, दवाओं और आय के लिए सीधे जंगलों पर निर्भर हैं।
चिंताजनक स्थिति यह है कि दुनियाभर में हर साल एक करोड़ हेक्टेयर जंगल गायब किए जा रहे हैं जो आइसलैंड के आकार के बराराबर का आकर है। वनों की कटाई और क्षरण को रोकने के लिए और अधिक कार्रवाई की आवश्यकता है। 1990 के बाद से दुनिया में 42 करोड़ हेक्टेयर वन क्षेत्र घट चुका है। मुख्य रूप से कृषि विस्तार के कारण प्रति वर्ष लगभग 1 करोड़ हेक्टेयर वनों का काटा जा रहा है। इस दिवस को मनाने मकसद है-लोग वनों के संरक्षण के प्रति जागरूक हों। वनों की रक्षा के बारे में सोचें।वनों की अंधाधुंध कटाई को रोका जाए। लोग पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझें।