स्टेट बैंक ने इलेक्टोरल बांड से जुड़ी सारी जानकारी चुनाव आयोग को मुहैया कराई

नयी दिल्ली : स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के चेयरमैन ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक इलेक्टोरल बांड से जुड़ी सारी जानकारी आज चुनाव आयोग को उपलब्ध करा दी गई है।

स्टेट बैंक के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने कहा कि इस जानकारी में इलेक्टोरल बांड का नंबर, इलेक्टोरल बांड की कीमत, पार्टी का नाम, पार्टी के बैक अकाउंट की आखिरी चार डिजिट नंबर, भुनाए गए बांड की कीमत और नंबर शामिल है। स्टेट बैंक ने हलफनामे में कहा है कि साइबर सुरक्षा के मद्देनजर राजनीतिक पार्टी का पूरा बैंक खाता नंबर, पार्टी और बांड खरीदने वाले की केवाईसी डिटेल्स सार्वजनिक नहीं की गई है। इस जानकारी के अलावा कोई और जानकारी स्टेट बैंक ने अपने पास नहीं रखी है।

सुप्रीम कोर्ट ने 18 मार्च को स्टेट बैंक को खरीदे गए और कैश कराए गए बांड नंबरों का पूरा ब्यौरा चुनाव आयोग को देने और चुनाव आयोग को उसे प्रकाशित करने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने स्टेट बैंक के चेयरमैन से कहा था कि भविष्य में किसी विवाद की गुंजाइश को खत्म करने के लिए वो 21 मार्च को 5 बजे तक कोर्ट में हलफनामा दायर कर साफ करें कि उनके पास उपलब्ध सारी जानकारी चुनाव आयोग को दे दी गई है। निर्वाचन आयोग स्टेट बैंक से जानकारी मिलते ही उसे तुरंत अपनी वेबसाइट पर डालेगा।

इससे पहले 16 मार्च को सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने इलेक्टोरल बांड मामले में सीलबंद डाटा निर्वाचन आयोग को सौंप दिया था। इस डाटा में 2019 और नवंबर, 2023 में दिए गए इलेक्टोरल बांड का ब्यौरा है। सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय बेंच ने सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री को निर्देश दिया था कि वो 2019 और नवंबर 2023 के डाटा की कॉपी कर उसकी मूल प्रति निर्वाचन आयोग को सौंप दे।

कोर्ट ने 15 मार्च को निर्वाचन आयोग की अर्जी पर सुनवाई करते हुए सवाल उठाया था कि स्टेट बैंक की ओर से निर्वाचन आयोग को दिए गए आंकड़ों में बांड नंबर का उल्लेख नहीं किया गया है, जबकि इसका साफ आदेश था। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान बेंच ने स्टेट बैंक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।

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