नवानगर के 10वें जाम साहब तथा प्रसिद्ध क्रिकेट खिलाड़ी रणजीत सिंह जी विभाजी जडेजा का 02 अप्रैल 1933 को निधन हो गया। उनका शासनकाल 1907-1933 तक चला। बेहतरीन क्रिकेट खिलाड़ी और बल्लेबाज रहे रणजीत सिंह जी ने भारतीय क्रिकेट के विकास में अहम भूमिका अदा की थी। वे इंग्लैंड क्रिकेट टीम के लिए टेस्ट मैच वाले विख्यात खिलाड़ी थे। इसके अलावा, कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के लिये प्रथम श्रेणी क्रिकेट और काउंटी क्रिकेट में ससेक्स का प्रतिनिधित्व किया।
10 सितंबर, 1872 को पैदा हुए रणजीत सिंह जी दाएं हाथ के बेहतरीन बल्लेबाज के साथ धीमी गेंदबाजी में भी सिद्धहस्त थे। उन्हें भारतीय क्रिकेट का पितामह कहा जाता है लेकिन उन्हें भारत से खेलने का उन्हें मौका नहीं मिला।
उनके निधन के बाद बीसीसीआई ने 1934 में भारत के विभिन्न शहरों और क्षेत्रों के बीच खेली जा रही क्रिकेट सीरीज को ‘रणजी ट्रॉफी’ का नाम दिया। वर्ष 1934 में घोषणा के बाद शृंखला का पहला मैच 1934-1935 में खेला गया था। ट्रॉफी प्रदान करने का काम पटियाला के महाराजा भूपिंदर सिंह ने किया। रणजी शृंखला की विशेषताओं में से एक यह है कि विभिन्न राज्यों के क्षेत्रीय क्रिकेट बोर्ड के अलावा रेलवे सहित कई अन्य सरकारी उद्यमों से जुड़ी टीमें इसमें में भाग लेती हैं।
बहुत सुन्दर खबर।
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