देश-दुनिया के इतिहास में 04 अप्रैल की तारीख तमाम अहम वजह से दर्ज है। यह तारीख बिल गेट्स के लिए खास है। आज माइक्रोसॉफ्ट और उसके फाउंडर बिल गेट्स को कौन नहीं जानता? दुनिया के एक अरब से ज्यादा डिवाइस विंडोज-10 पर चल रहे हैं।
यह माइक्रोसॉफ्ट की लेटेस्ट पेशकश में से एक है। माइक्रोसॉफ्ट एक ऐसी कंपनी है, जिसने पूरी दुनिया में कंप्यूटर की लोकप्रियता बढ़ाने का काम किया। इसकी स्थापना 04 अप्रैल 1975 को हुई थी। तब ज्यादातर अमेरिकी टाइपराइटर्स का इस्तेमाल करते थे। बचपन के दो दोस्तों बिल गेट्स और पॉल एलन ने माइक्रोसॉफ्ट बनाई, जो कंप्यूटर सॉफ्टवेयर बनाती है। 1979 में न्यू मैक्सिको से माइक्रोसॉफ्ट वॉशिंगटन स्टेट में शिफ्ट हुई और वहीं पर एक बड़ी मल्टीनेशनल टेक्नोलॉजी कॉर्पोरेशन के तौर पर उभरी। 1987 में माइक्रोसॉफ्ट ने शेयर निकाले और 31 साल के गेट्स दुनिया के सबसे युवा अरबपति बन गए।
गेट्स और एलन ने जब माइक्रोसॉफ्ट शुरू की तो इसे माइक्रो-सॉफ्ट कहा यानी माइक्रोप्रोसेसर्स और सॉफ्टवेयर के शुरुआती शब्दों का जोड़ा। उस समय शुरुआती पर्सनल कंप्यूटर अल्टएयर 8800 के लिए सॉफ्टवेयर बनाए थे। एलन ने बोस्टन में प्रोग्रामर की नौकरी और गेट्स ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई छोड़कर नई कंपनी बनाने पर फोकस किया था। उस समय न्यू मैक्सिको में ही अल्टएयर 8800 के निर्माता एमआईटीएस का कामकाज था, जहां माइक्रोसॉफ्ट ने काम शुरू किया था। 1978 के अंत तक माइक्रोसॉफ्ट की सेल्स एक मिलियन डॉलर से अधिक हो गई और 1979 में कंपनी वॉशिंगटन पहुंच गई।
1985 में माइक्रोसॉफ्ट ने एक नया ऑपरेटिंग सिस्टम लॉन्च किया- विंडोज। इसमें ग्राफिकल इंटरफेस था, जिसमें ड्रॉप-डाउन मीनू और अन्य फीचर शामिल थे। अगले ही साल कंपनी का हेडक्वार्टर रेडमंड, वॉशिंगटन में शिफ्ट हुआ। 1980 के दशक में माइक्रोसॉफ्ट सेल्स के लिहाज से दुनिया की सबसे बड़ी पर्सनल कंप्यूटर सॉफ्टवेयर कंपनी बनी।1995 के बाद घर और दफ्तरों में पर्सनल कंप्यूटरों का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा और इसी दौरान विंडोज 95 भी लॉन्च हुआ। इसमें स्टार्ट मीनू पहली बार आया और 7 मिलियन कॉपी सिर्फ शुरुआती पांच हफ्ते में बिक गई। 1990 के दशक के दूसरे हिस्से में इंटरनेट का इस्तेमाल बढ़ा। तब 1995 में माइक्रोसॉफ्ट ने इंटरनेट एक्सप्लोरर के नाम से अपना ब्राउजर लॉन्च किया था।