कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने महिलाओं के खिलाफ अत्याचार और भ्रष्टाचार के बारे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की टिप्पणी को लेकर शुक्रवार को उन पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि कहा कि तृणमूल कांग्रेस और उनकी सरकार ने संदेशखाली में महिलाओं के कथित यौन शोषण में शामिल दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। बनर्जी ने जलपाईगुड़ी में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि तृणमूल के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप राजनीति से प्रेरित हैं। उन्होंने सवाल किया कि धन के उपयोग की निगरानी के लिए केंद्र द्वारा 300 से अधिक केंद्रीय दल भेजे जाने के बावजूद केंद्रीय धन क्यों रोक दिया गया है।
ममता ने कहा, ‘‘जब भी भ्रष्टाचार का कोई आरोप लगा है, हमने कार्रवाई की है और उस व्यक्ति को पार्टी से निकाल दिया है। लेकिन भाजपा का क्या? उन्होंने सभी भ्रष्ट लोगों और अपराधियों को अपनी पार्टी में शामिल कर लिया है।”
संदेशखाली में हाल की घटनाओं का जिक्र करते हुए, जहां तृणमूल नेताओं के खिलाफ यौन शोषण के आरोप सामने आये थे, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कूचबिहार में एक रैली में पीड़ितों के प्रति उदासीनता के लिए राज्य सरकार की आलोचना की थी।
बनर्जी ने कहा, ‘‘संदेशखाली में कुछ घटनाएं हुई हैं, जब मुझे उन शिकायतों के बारे में पता चला, तो मैंने तुरंत उनके खिलाफ कार्रवाई की। मैं उनके (भाजपा) जैसी नहीं हूं, क्योंकि वे महिला पहलवानों को भाजपा सांसद द्वारा प्रताड़ित किये जाने या हाथरस की घटना के दौरान मूकदर्शक थे।’’
उन्होंने भाजपा उम्मीदवार एवं केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निशीथ प्रमाणिक की ओर इशारा करते हुए कहा, ”यह राष्ट्रीय शर्म की बात है कि एक व्यक्ति जिसके खिलाफ कई मामले लंबित हैं, उसे गृह राज्य मंत्री बनाया गया है।”
प्रमाणिक कूचबिहार से फिर से चुनाव मैदान में हैं। बनर्जी ने कहा कि जलपाईगुड़ी की प्रभावित आबादी को मुआवजा देने के उनके प्रयास सफल नहीं हो सके क्योंकि भाजपा ने इसके खिलाफ निर्वाचन आयोग का रुख किया। जलपाईगुड़ी में तूफान के चलते पांच लोगों की मौत हो गई। उन्होंने कहा, ”राज्य प्रशासन को प्रभावित लोगों को मुआवजा देना था। लेकिन भाजपा नहीं चाहती कि ऐसा हो। भाजपा न तो खुद कुछ करती है और न ही दूसरों को कुछ करने देती है।”