कोलकाता : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की टीम पर शनिवार को पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर जिले के भूपतिनगर में एक आक्रामक भीड़ के हमले से सियासी तूफान खड़ा हो गया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एनआईए अधिकारियों पर ही महिलाओं पर हमले के आरोप लगाए हैं तो वहीं विपक्ष ममता बनर्जी के बयान की चौतरफा निंदा कर रहा है। इस बीच चुनाव आयोग ने पुलिस से इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
एनआईए ने कहा कि लोगों ने उनकी टीम पर हमला किया जिसमें उसके एक सदस्य को चोटें आईं और एजेंसी का एक वाहन क्षतिग्रस्त हो गया। एनआईए ने एक बयान में कहा कि एक आक्रामक भीड़ ने एनआईए टीम और उसकी सुरक्षा कर रहे जवानों को भूपतिनगर थाने की ओर बढ़ने से रोकने की कोशिश की। स्थानीय थाने में भी शिकायत दर्ज की गई है।
केंद्रीय एजेंसी दिसंबर 2022 में भूपतिनगर में हुए विस्फोट में शामिल आरोपित तृणमूल कांग्रेस के दो नेताओं बलाई चरण मैती और मोनोब्रत जाना को हिरासत में लेने के बाद लौट रही थी। उस विस्फोट में तीन लोग मारे गए थे।एनआईए ने कहा, बलाई चरण मैती और मोनोब्रत जाना को जाना के घर सहित पांच स्थानों पर व्यापक तलाशी के बाद गिरफ्तार किया गया। स्थानीय निवासियों की भीड़ ने एनआईए टीम को रोकने की कोशिश की।
एजेंसी ने बताया कि एनआईए टीम के एक सदस्य को मामूली चोट आई है और हमलावर भीड़ ने एजेंसी के आधिकारिक वाहन को भी क्षतिग्रस्त कर दिया है। केंद्रीय एजेंसी ने कहा कि मैती और जाना को आतंकवाद फैलाने के लिए देशी बमों के निर्माण और विस्फोट करने की साजिश रचते पाया गया है। एजेंसी ने कहा, “एनआईए ने अपनी जांच में पाया था कि दोनों लोगों ने देशी बम बनाने की साजिश में सक्रिय रूप से भाग लिया था और इसके लिए समर्थन भी दिया था, जिसके कारण शनिवार को तलाशी और गिरफ्तारियां हुईं।”
इस बीच, भारतीय चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के कार्यालय के माध्यम से पूर्वी मेदिनीपुर जिले के जिला मजिस्ट्रेट से हमले के बारे में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। पश्चिम बंगाल में तीन महीने में केंद्रीय जांच एजेंसी पर यह दूसरा हमला है। इससे पहले पांच जनवरी को संदेशखाली में स्थानीय लोगों ने ईडी और सीएपीएफ कर्मियों पर हमला किया था, जिसमें निलंबित तृणमूल नेता शेख शाहजहां को गिरफ्तार किया गया है।