हुगली : गत वर्ष रामनवमी शोभायात्रा के दौरान रिषड़ा-श्रीरामपुर में सांप्रदायिक हिंसा हुई थी। इसको देखते हुए प्रशासन की ओर से बार-बार आयजकों को रामनवमी का रूट बदलने को कहा जा रहा था। इसको लेकर रामनवमी शोभायात्रा के आयोजकों और प्रशासन के बीच गतिरोध चल रहा था।
प्रशासन द्वारा पूर्व रूट पर शोभायात्रा की अनुमति नहीं मिलने के कारण आयोजकों ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। शुक्रवार को मामले की सुनवाई करते हुई जस्टिस जय सेनगुप्ता की एकल पीठ ने पुलिस को फटकार लगाई और आदेश दिया कि पूर्व रूट के अनुसार ही रिषड़ा में रामनवमी की रैली निकलेगी। यदि आवश्यकता हो तो शोभायात्रा के लिए केंद्रीय बलों की मदद ली जा सकती है। उच्च न्यायालय के इस फैसले के बाद पूरे हिंदू समाज में खुशी की लहर है।
हिंदू संगठनों का कहना है कि पता नहीं। किसके इशारे पर प्रशासन शोभायात्रा का रूट बदलने का दबाव बना रहा था। लेकिन हमें अदालत पर पूरा भरोसा था। अदालत के इस फैसले के बाद हमारा विश्वास देश की न्याय व्यवस्था में और बढ़ा है।