कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी ने कई चुनावी जनसभाओं से दावा किया है कि उत्तर बंगाल के तूफान पीड़ित लोगों की मदद के लिए चुनाव आयोग अनुमति नहीं दे रहा है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि मैं उन लोगों को वित्तीय मदद देना चाहती हूं जिनके घर टूट गए हैं लेकिन ना तो चुनाव आयोग अनुमति दे रहा है और ना ही भाजपा ऐसा करने दे रही है। अब इस पर वरिष्ठ भाजपा विधायक और नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि चुनाव आयोग ने काफी पहले इसकी अनुमति दे दी थी और राहत के लिए केंद्र सरकार के आपदा राहत कोस से बड़ी धनराशि भी मिली है लेकिन ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी का यही काम है- चोरी करो और लोगों को बेवकूफ बनाओ। सोमवार को उन्होंने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट एक्स पर लिखा, “”आप कुछ लोगों को हर समय और सभी लोगों को कुछ समय के लिए मूर्ख बना सकते हैं, लेकिन आप सभी लोगों को हर समय मूर्ख नहीं बना सकते।”
अपने हमले तेज करते हुए उन्होंने लिखा कि पश्चिम बंगाल की पैथोलॉजिकल और जन्मजात झूठ बोलने वालों की प्रसिद्ध जोड़ी सोचती है कि वे झूठ बोलते रहेंगे और पश्चिम बंगाल के लोग इसे सत्य मानेंगे। खैर वे मूर्खों के स्वर्ग में रह रहे हैं।
भारत के चुनाव आयोग ने 9 अप्रैल, 2024 को आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) से अनुग्रह राशि और गृह निर्माण अनुदान (एच.बी. अनुदान) के भुगतान के लिए छूट प्रदान की। यह संदेश पश्चिम बंगाल सरकार को 9 अप्रैल, 2024 को ही दे दिया गया था, ताकि मैनागुड़ी और जलपाईगुड़ी के लोग, जिन्होंने विनाशकारी तूफान में अपने घर खो दिए थे, उन्हें जल्द से जल्द हाउस बिल्डिंग अनुदान प्राप्त हो सके।
इस प्रकार आपदा प्रबंधन और नागरिक सुरक्षा विकास के लिए धन जारी करने पर कोई प्रतिबंध नहीं है, जिसका एक बड़ा हिस्सा एनडीआरएफ के माध्यम से केंद्र सरकार द्वारा प्रदान किया जाता है।
ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए शुभेंदु अधिकारी ने कहा है, दुर्भाग्य से, पिसी-भाइपो ( बुआ-भतीजा) चुनाव आयोग और केंद्र सरकार को बदनाम करने में व्यस्त हैं, जबकि प्रभावित लोगों को धनराशि पहले ही जारी की जा सकती थी। लेकिन उन्होंने सोचा कि इस मुद्दे पर राजनीति करके लोगों को परेशान करना और फायदा उठाना बेहतर है।
उल्लेखनीय है कि जलपाईगुड़ी की तूफान की चपेट में आने से पांच लोगों की मौत हो चुकी है जबकि सैकड़ो घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। सैकड़ो लोग घायल भी हैं जिन्हें राज्य सरकार की ओर से उचित वित्तीय मदद अभी तक नहीं मिली है।