Loksabha Election : पहले चरण में 60 प्रतिशत से अधिक मतदान

नयी दिल्ली : लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण में शुक्रवार को 21 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में हुआ मतदान छिटपुट घटनाओं को छोड़कर लगभग शांतिपूर्ण रहा। मतदान का आंकड़ा 60 प्रतिशत से अधिक रहा। आंकड़ों का मिलान किया जा रहा है और यह आंकड़ा आधा-एक प्रतिशत तक बढ़ सकता है। त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल और असम में 70 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ है। मतदान सुबह 7 बजे से शुरू होकर शाम 6 बजे तक चला। इसके साथ ही सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश की राज्य विधानसभाओं और 18वीं लोकसभा के लिए 10 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में मतदान प्रक्रिया पूरी हो गई।

चुनाव आयोग के अनुसार पहले चरण मेें अरुणाचल प्रदेश की सभी दो सीटों पर 66.21, असम की 14 सीटों पर 71.56, बिहार की चार सीटों पर 47.74, छत्तीसगढ़ की 11 सीटों पर 63.41, मध्य प्रदेश की छह सीटों पर 63.50, महाराष्ट्र की पांच सीटों पर 55.35, मणिपुर की दो सीटों पर 68.81, मेघालय की सभी दो सीट पर 73.89, मिजोरम की एक सीट पर 54.23, नगालैंड की एक सीट पर 56.91, राजस्थान की 12 सीट पर 52.43, तमिलनाडु की सभी 39 सीटों पर 62.32, त्रिपुरा की एक सीट पर 80.84, उत्तर प्रदेश की आठ सीटों के लिए 57.90, लक्षद्वीप की एकमात्र सीट पर 59.02, पुदुचेरी की एकमात्र सीट पर 73.37, उत्तराखंड की सभी पांच सीटों पर 53.77, पश्चिम बंगाल की तीन सीट पर 77.57, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की एकमात्र सीट पर 56.87 और जम्मू-कश्मीर की एक सीट पर 65.08 प्रतिशत मतदान हुआ है।

इसके अलावा अरुणाचल प्रदेश विधानसभा के लिए 68.24 प्रतिशत और सिक्किम विधानसभा के लिए 68.04 प्रतिशत मतदान हुआ है। उपचुनाव की बात की जाए तो तमिलनाडु की एक विल्वनकोड सीट पर 56.68 और त्रिपुरा की रामनगर सीट पर 67.81 प्रतिशत मतदान हुआ है। उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, मेघालय, नागालैंड, मिजोरम, तमिलनाडु और केंद्र शासित प्रदेश पुदुचेरी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप सहित 10 राज्यों ने अपनी मतदान प्रक्रिया पूरी कर ली।

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और चुनाव आयुक्तों- ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू के नेतृत्व में आयोग ने निर्वाचन सदन में सभी निर्वाचन क्षेत्रों में पहले चरण में मतदान की प्रगति की लगातार निगरानी की। इस उद्देश्य के लिए मुख्यालय में एक अत्याधुनिक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया था। राज्य व जिला स्तर पर भी ऐसे ही नियंत्रण कक्ष बनाये गये थे।

चुनाव आयोग के अनुसार आज मतदान केंद्रों के दृश्यों में समावेशी चुनाव सुनिश्चित करने के प्रयासों के सफल परिणाम देखने को मिले। विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह के मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने की खुशी से झूमते हुए देश भर के मतदान केंद्रों पर आए। दक्षिण अंडमान में स्ट्रेट द्वीप से ग्रेट अंडमानी जनजाति ने भी उत्साहपूर्वक मतदान में भाग लिया।

लोकसभा चुनाव में बस्तर के 56 गांवों के लोगों ने पहली बार अपने ही गांव में बने मतदान केंद्र पर वोट डाला। गढ़चिरौली चिमुर, महाराष्ट्र से एक अन्य उदाहरण में, हेमलकसा बूथ पर स्थानीय जनजातीय बोली का उपयोग किया गया था, जिसमें सभी प्रासंगिक जानकारी शामिल थी। बिहार के बोधगया में बौद्ध भिक्षुओं को मुस्कुराते हुए और अपनी उंगलियों पर गर्व का प्रदर्शन करते हुए देखा गया।

पश्चिम बंगाल और मणिपुर में हिंसा की कुछ छिटपुट घटनाओं को छोड़कर मतदान काफी हद तक शांतिपूर्ण और व्यवस्थित ढंग से जारी है। पश्चिम बंगाल में कूचबिहार और जलपाईगुड़ी में कुछ स्थानों पर भाजपा और टीएमसी के कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक छड़पें और उनके कार्यालयों में तोड़फोड़ होने की सूचना है। उधर, पूर्वोत्तर के मणिपुर के मैरांग केंद्र पर गोलीबारी की घटना हुई। यहां दो गुटों के बीच यह टकराव हुआ लेकिन कोई हताहत नहीं हुआ। हालांकि, इस टकराव के कारण यहां एक घंटे तक मतदान रोकना पड़ा।

छत्तीसगढ़ में वामपंथी उग्रवाद क्षेत्रों में भी छिटपुट घटनाओं के छोड़कर शांतिपूर्ण मतदान हुआ। हालांकि बीजापुर के गलकम के मतदान केंद्र के बाहरी इलाके में यूबीजीएल सेल विस्फोट की चपेट में आकर गंभीर रूप से जख्मी जवान देवेन्द्र कुमार ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। एक अन्य घटना में बीजापुर के भैरमगढ़ थाना क्षेत्र के चेहका मतदान केंद्र के पास सर्चिंग के दौरान आईईडी विस्फोट से सीआरपीएफ असिस्टेंट कमांडेंट मनु एचसी गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें रायपुर के नारायण अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनकी हालत खतरे से बाहर बताई गई है।

आयोग ने मतदान को सुखद और यादगार अनुभव में बदलने पर विशेष जोर दिया था। पानी, शेड, शौचालय, रैंप, सहयोगी कार्यकर्ता, व्हीलचेयर और बिजली जैसी सुनिश्चित न्यूनतम सुविधाएं मौजूद हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बुजुर्गों और विकलांग व्यक्तियों सहित प्रत्येक मतदाता आसानी से अपना वोट डाल सकें। स्वतंत्र एवं निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बल तैनात किए गए थे। आयोग की ओर से 41 हेलीकॉप्टर, 84 विशेष ट्रेन और करीब एक लाख चार पहिया वाहन तैनात किए गए थे।

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