कोलकाता : बंधन बैंक ने वित्त वर्ष 2023-24 की अंतिम तिमाही के लिए अपने वित्तीय परिणामों की घोषणा की। बैंक का कुल कारोबार 20% बढ़कर 2.60 लाख करोड़ रुपये पर बंद हुआ। कुल डिपॉज़िट में बैंक की खुदरा हिस्सेदारी अब लगभग 70% है। पिछली तिमाही में दर्ज उत्साहजनक वृद्धि इसके वितरण, व्यावसायिक दक्षता और अनुकूल परिचालन वातावरण में विस्तार के कारण हुई है।
वित्त वर्ष ’24 की चौथी तिमाही के दौरान बैंक ने देश भर में 50 शाखाएं खोलीं। बैंक अब भारत में 6,300 बैंकिंग आउटलेट के ज़रिये 3.35 करोड़ से अधिक ग्राहकों को सेवा प्रदान करता है। बंधन बैंक में कार्यरत कर्मचारियों की कुल संख्या अब लगभग 76,000 है।
वित्त वर्ष ’24 की चौथी तिमाही के दौरान, बैंक की डिपॉज़िट पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 25% बढ़ी। कुल डिपॉज़िट बुक अब 1.35 लाख करोड़ रुपये का है जबकि कुल एडवांस 1.25 लाख करोड़ रुपये है। चालू खाता और बचत खाता (कासा) अनुपात कुल डिपॉज़िट बुक के मुकाबले 37% से ऊपर है। पूंजी पर्याप्तता अनुपात (सीएआर), जो बैंक की स्थिरता का संकेतक होता है, वह 18.3% है और यह नियामक आवश्यकता से काफी अधिक है।
बंधन बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी, चंद्र शेखर घोष ने बैंक के प्रदर्शन के बारे में कहा, “वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही हमारे कारोबार में आई तेज़ी का प्रमाण है। हमने प्रमुख मापदंडों में स्थिरता और वृद्धि दर्ज की है। इस तिमाही में बैंक ने अपने मुख्य नेतृत्व को भी मज़बूत किया। बंधन बैंक अपने कर्मचारियों की प्रतिबद्धता से निर्मित हुआ है और इसकी सफलता इसके ग्राहकों के विश्वास पर टिकी है। प्रौद्योगिकी, कर्मचारी और प्रक्रियाओं पर विशेष ध्यान के साथ-साथ ये आधारशिलाएं बंधन बैंक 2.0 के विकास पथ को आगे बढ़ाएंगी।”
बैंक ने अपने रिटेल बुक को बढ़ाने के स्पष्ट इरादे के साथ परिसंपत्ति विविधीकरण पर ध्यान देना जारी रखा है। बैंक उच्च उत्पादकता और दक्षता के लिए अधिक से अधिक डिजिटलीकरण पर ज़ोर देना चाहता है। इससे ग्राहकों का अनुभव भी समग्र रूप से बेहतर होगा।