मुंबई : पुणे हिट एंड रन मामले के नाबालिग आरोपित का ब्लड सैंपल बदलने वाले ससून अस्पताल के दो डॉक्टरों अजय टावरे और श्रीहरि हरलोर को पुणे पुलिस ने सोमवार को सुबह गिरफ्तार किया है। इन दोनों डॉक्टरों ने इस काम के लिए आरोपित के पिता से तीन लाख रुपये लिए थे। इस मामले में पुणे के येरवड़ा पुलिस स्टेशन के दो अधिकारियों को पहले ही निलंबित किया जा चुका है।
पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने सोमवार को पत्रकारों को बताया कि कल्याणीनगर पोर्शे कार से दो लोगों के कुचले जाने के बाद येरवड़ा पुलिस ने 18 मई की रात को नाबालिग आरोपित का ब्लड सैंपल लिया था। इसके बाद आरोपित के पिता ने ससून अस्पताल के दोनों डॉक्टरों से संपर्क किया और बाद में आरोपित के ब्लड सैंपल को कचरे में फेंककर किसी अन्य शख्स के ब्लड सैंपल की जांच की गई, जिसमें अल्कोहल सेवन किए जाने की रिपोर्ट नहीं आई है।
अमितेश कुमार ने बताया कि पुलिस ने घटना के लगभग 20 घंटे बाद 19 मई को ही नाबालिग आरोपित का दूसरा ब्लड सैंपल लेकर उसके साथ पिता के सैंपल से डीएनए जांच करवाई गई। दूसरी बार के सैंपल से डीएनए रिपोर्ट से मैच कर रही है। इसलिए इस मामले में पुलिस ने ससून अस्पताल के दोनों डॉक्टरों को रविवार देर रात हिरासत में लिया था और दोनों से पूछताछ के बाद सोमवार को सुबह गिरफ्तार कर लिया है। अमितेश कुमार ने बताया कि इस मामले में किस शख्स का ब्लड सैंपल आरोपित के बदले लिया गया था, इसकी छानबीन में ससून अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज की मदद ली जा रही है।
इस मामले में दो डॉक्टरों की गिरफ्तारी के बाद ससून अस्पताल पर सवाल खड़े होने लगे हैं। इससे पहले इसी अस्पताल में इलाज के दौरान एक ड्रग तस्कर फरार हो गया था और अब दो डॉक्टरों को ब्लड सैंपल की हेराफेरी के आरोप में गिरफ्तार किया गया। जब यह सवाल मेडिकल शिक्षा मंत्री हसन मुश्रीफ से किया गया तो उन्होंने कहा कि इस मामले आरोपित डॉक्टरों को या तो निलंबित किया जाएगा या फिर उन्हें तत्काल नौकरी से बर्खास्त कर दिया जाएगा।