कोलकाता : पश्चिम बंगाल में 10 जुलाई को चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। ऐसे में हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों में सीटवार नतीजों के विस्तृत आंकड़े बताते हैं कि भाजपा इनमें से तीन सीटों पर मजबूत स्थिति में है जबकि तृणमूल कांग्रेस सिर्फ एक सीट पर मामूली बढ़त हासिल कर सकती है।
उत्तर दिनाजपुर जिले के रायगंज निर्वाचन क्षेत्र, उत्तर 24 परगना के बागदा और नादिया के राणाघाट-दक्षिण में भाजपा ने लोकसभा चुनाव के दौरान बढ़त हासिल की थी। हालांकि, कोलकाता के मानिकतला निर्वाचन क्षेत्र में तृणमूल कांग्रेस बेहतर स्थिति में रही है।
हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों में विधानसभावार नतीजों के आंकड़ों के अनुसार, भाजपा की बढ़त का अंतर सबसे अधिक रायगंज में 46 हजार 739 वोटों से रहा। उसके बाद राणाघाट-दक्षिण में 35 हजार 936 और बागदा में 20 हजार 614 वोटो से भाजपा तृणमूल से आगे रही है।
हालांकि, हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों में मानिकतला में तृणमूल कांग्रेस के लिए विधानसभावार बढ़त का अंतर सिर्फ 3575 है। सत्तारूढ़ पार्टी के लिए इससे भी अधिक चिंता की बात यह है कि मानिकतला में यह मामूली बढ़त का अंतर, 2021 के विधानसभा चुनावों में उस विधानसभा क्षेत्र से तृणमूल कांग्रेस की जीत के अंतर 20 हजार 238 से कई गुना कम है। मानिकतला में इस मामूली बढ़त के अंतर ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सहित तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व को चिंतित कर दिया है और उन्होंने वहां उपचुनाव की तैयारियों की निगरानी के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन किया है। मानिकतला में उपचुनाव वहां से तृणमूल कांग्रेस के पूर्व विधायक साधन पांडे के निधन के कारण हो रहा है। अन्य तीन निर्वाचन क्षेत्रों में, पूर्व भाजपा विधायक बागदा से विश्वजीत दास, रानाघाट-दक्षिण से डॉ मुकुट मणि अधिकारी और रायगंज से कृष्णा कल्याणी के तृणमूल में चले जाने के बाद चुनाव हो रहे हैं। इन्होंने 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।
तृणमूल कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि इस बार मानिकतला से साधन पांडे की विधवा सुप्ती पांडे को मैदान में उतारने का फैसला किया गया है, हालांकि उनके नाम की आधिकारिक घोषणा अभी बाकी है।