कोलकाता : NEET 2024 के परिणामों की घोषणा ने पूरे भारत में विवाद बढ़ा दिया है, जिसमें विसंगतियों और पारदर्शिता के मुद्दों के आरोपों ने परीक्षा की विश्वसनीयता को हिला दिया है। प्रश्नपत्र लीक के दावों ने परीक्षा रद्द करने की मांग तेज कर दी है, जिसके चलते सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है।
इस विवाद ने पश्चिम बंगाल के एक लाख से अधिक छात्रों के साथ-साथ देश भर के अनगिनत अन्य छात्रों को भी प्रभावित किया है, जो सभी एक ही जटिल स्थिति से जूझ रहे है। कई छात्रों और उनके अभिभावकों ने NEET 2024 स्कोर की वैधता पर संदेह जताया है। उनका तर्क है कि 720 में से 718 या 719 अंक हासिल करना बिल्कुल असंभव है।
इसे लेकर महानगर स्थित प्रेस क्लब में एक संवाददाता सम्मेलन का आयोजन किया गया था। यहाँ प्रसिद्ध डॉ. कुणाल सरकार ने कहा कि NEET का इस बार का परीक्षा परिणाम एक बहुत बड़ा फर्जीवाड़ा है। इसकी निष्पक्ष जांच होने से ही इसकी सत्यता सामने आएगी।
उन्होंने साफ कहा कि मेडिकल की सीट का एक बहुत बड़ा हिस्सा नीलामी के बाज़ार में है, इसी वजह से इस तरह का परीक्षा परिणाम सामने आया है। इस परीक्षा परिणाम ने योग्य उम्मीदवारों का हक छीन लिया है।
डॉ. सरकार ने इसे लेकर समाज से एकजुट होकर आंदोलन करने की आपील की। इसके साथ ही उन्होंने राज्य सरकार से अभिभावकों व छात्रों के साथ खड़े रहने और उन्हें कानूनी सलाह देने की मांग की है।
उल्लेखनीय है कि NEET रिजल्ट के बाद दाखिल की गई याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए गुरुवार को कहा कि ग्रेस मार्क्स पाने वाले 1563 छात्रों को फिर से परीक्षा देनी होगी। हम काउंसलिंग पर रोक नही लगाएंगे। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी करके 2 हफ्ते में जवाब मांगा है। अब अगली सुनवाई 8 जुलाई को होगी।
इसे लेकर डॉ. सरकार ने कहा कि ग्रेस मार्क्स का हवाला देकर इस बड़ी आग को दबाने की कोशिश हो रही है। मामले की ऑडिट होने से संभवतः चौकाने वाले खुलासे हो सकते हैं।
इस दौरान चिकित्सक व शिक्षक डॉ. अर्क़दीप विश्वास ने भी NEET के परीक्षा परिणाम पर चिंता जाहिर की।