कोलकाता : राज्य सरकार ने चुनाव बाद हिंसा मामले में कलकत्ता उच्च न्यायालय को रिपोर्ट सौंपी है। राज्य पुलिस के डीजी संजय मुखर्जी की तरफ से सौंपी गई रिपोर्ट में बताया गया है कि अब तक कितनी एफआईआर दर्ज की गई है और क्या-क्या कदम उठाए गए हैं।
राज्य सरकार की तरफ से बताया गया है कि अब तक 560 शिकायतें मिली हैं। राज्य के विपक्षी नेता शुभेंदु अधिकारी और एक संगठन ने चुनाव बाद हिंसा को लेकर हाई कोर्ट में मामला दायर किया है। यह रिपोर्ट उन दो मामलों को लेकर 14 जून को हाई कोर्ट के आदेश के मद्देनजर राज्य पुलिस के डीजी ने सौंपी है। मामले की सुनवाई अगले गुरुवार को होगी।
गत छह जून को हाई कोर्ट ने कहा था कि हिंसा रोकने के लिए केंद्र और राज्य को सार्वजनिक सुरक्षा के लिए मिलकर काम करना चाहिए। उच्च न्यायालय ने राज्य पुलिस महानिदेशक संजय मुखर्जी को चुनाव बाद हिंसा के संबंध में ईमेल के माध्यम से शिकायतें दर्ज करने को कहा है। शिकायतों की गंभीरता को समझने के बाद डीजी इसे संबंधित थाने को भेजेंगे। पुलिस को उसके आधार पर एफआईआर दर्ज करनी होगी। कोर्ट ने प्रत्येक मामले में कानून के मुताबिक त्वरित और उचित कार्रवाई करने को कहा है। यह मामला ”राष्ट्रवादी वकील” नामक संगठन द्वारा दायर किया गया था जिसमें आरोप लगाया गया था कि राज्य में चुनाव के बाद विपक्षी कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया जा रहा है और पुलिस मुक दर्शक बनी हुई है।
दूसरी ओर, शुभेंदु ने दावा किया कि चुनाव के बाद राज्य में हिंसा फैल गई। भाजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों पर हमले हो रहे हैं। शुभेंदु ने 10 जून को उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और राज्य में केंद्रीय बलों को अधिक समय तक रखने और प्रभावितों की सुरक्षा की मांग की।
चुनाव बाद हिंसा की आशंका को देखते हुए चुनाव आयोग ने पहले ही तय कर लिया था कि पश्चिम बंगाल में 19 जून तक केंद्रीय बल तैनात रहेंगे। शुभेंदु की ओर से दायर मामले को देखते हुए हाई कोर्ट ने समय सीमा दो दिन और बढ़ा दी। कोर्ट ने निर्देश दिया कि केंद्रीय बल 21 जून तक राज्य में रहेंगे। केंद्र सरकार ने कोर्ट से कहा कि अगर राज्य में केंद्रीय बलों को रखना जरूरी है तो गृह मंत्रालय को कोई दिक्कत नहीं है।