इतिहास के पन्नों में 20 जूनः मुंबई में आम लोगों के लिए खुला विक्टोरिया टर्मिनस, अब इसे छत्रपति शिवाजी टर्मिनस कहते हैं

देश-दुनिया के इतिहास में 20 जून की तारीख तमाम अहम वजह से दर्ज है। यह तारीख भारत के एक रेलवे स्टेशन के लिए खास है। वह स्टेशन है देश की आर्थिक राजधानी मुंबई का छत्रपति शिवाजी टर्मिनस। पहले इसका नाम विक्टोरिया टर्मिनस था। यह टर्मिनस 20 जून, 1887 को आम लोगों के लिए खुला था।

छत्रपति शिवाजी टर्मिनस देश के पश्चिमी भाग में अरब सागर के तट पर मुंबई में स्थित है। इसकी अभिकल्पना फ्रेडरिक विलियम स्टीवंस ने की थी। उन्होंने तब के जमाने में इसके लिए 16.14 लाख रुपये लिए थे। यह टर्मिनस 2.85 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है। टर्मिनस का निर्माण 1878 में शुरू हुआ था। यह10 वर्ष की अवधि में बनकर तैयार हुआ। खासियत यह है कि यह मध्य रेलवे का मुख्यालय भी है। यह भारत के व्यस्ततम स्टेशनों में से एक है। यहां मध्य रेलवे की मुंबई और मुंबई उपनगरीय रेलवे की मुंबई में समाप्त होने वाली रेलगाड़ियां रुकती व यात्रा पूर्ण करती हैं।

आंकड़ों के अनुसार यह स्टेशन ताजमहल के बाद भारत का सर्वाधिक छायाचित्रित स्मारक है। 2 जुलाई, 2004 को इस स्टेशन को यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल घोषित किया। यह स्टेशन विक्टोरियन गोथिक शैली में निर्मित है। यह स्टेशन अपनी उन्नत संरचना और तकनीकी विशेषताओं के साथ उन्नीसवीं शताब्दी के रेलवे स्थापत्यकला आश्चर्य के उदाहरण के रूप में खड़ा है।

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