कोलकाता : कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने अपनी बंद और ठप पड़ीं भूमिगत खदानों को निजी कंपनियों को अलॉट कर दिया है। यह जानकारी कोल इंडिया की ओर से दी गई है। पता चला है कि कोयला भंडार निकालने के लिए ऐसी 23 खानों को राजस्व-भागीदारी के आधार पर निजी कंपनियों को आवंटित करने का निर्णय लिया गया।
कंपनी ने कहा कि इन खानों की अधिकतम क्षमता सालाना 3.41 करोड़ टन की है। इसमें से कुल निकालने योग्य कोयला भंडार 63.5 करोड़ टन है। कोल इंडिया ने न्यूनतम राजस्व भागीदारी चार प्रतिशत पर तय की गई है। अनुबंध की अवधि 25 साल की होगी। जिन निजी कंपनियों को ये खानें आवंटित की गई हैं उनके नाम का खुलासा नहीं किया गया है। कोल इंडिया के अधिकारियों ने कहा कि 11 अन्य खदानों के लिए भी बोली प्रक्रिया चल रही है। इन्हें भी निजी कंपनियों को ही आवंटित किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल में बंद पड़ी खदानों में बड़े पैमाने पर चोरी और अवैध खनन की घटनाओं की जांच सीबीआई कर रही है। इस मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी भी कई बार केंद्रीय एजेंसियों की जांच का सामना कर चुके हैं।