कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस के दो नवनिर्वाचित विधायकों ने बुधवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा परिसर में अपना धरना बुधवार को पांचवे दिन भी जारी रखा है। उनकी मांग है कि राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस के आमंत्रण पर उन्हें राजभवन के बजाय सदन में शपथ दिलाई जाए। बराहनगर से विधायक सायंतिका बनर्जी और भगवानगोला से विधायक रेयत हुसैन सरकार का धरना पांचवें दिन भी जारी रहा। उन्होंने 27, 28 जून और एक, दो जुलाई को विधानसभा परिसर में धरना दिया था। उसके बाद आज भी धरने पर हैं।
दोनों को विधानसभा उपचुनाव में निर्वाचित घोषित किया गया था, लेकिन शपथ ग्रहण की प्रक्रिया पूरी होने के कारण उन्होंने जनप्रतिनिधि के रूप में काम शुरू नहीं किया था। बुधवार को बनर्जी और सरकार विधानसभा परिसर में बी.आर. अंबेडकर की प्रतिमा के सामने चार घंटे तक हाथों में तख्तियां लेकर बैठे रहे, जिन पर लिखा था, “हम राज्यपाल का इंतजार कर रहे हैं”।
बनर्जी ने कहा, “हम मांग दोहराते हैं कि माननीय राज्यपाल सदन में शपथ ग्रहण समारोह की सुविधा प्रदान करें, ताकि हम विधायक के रूप में अपने कर्तव्यों का पालन कर सकें।” लोकसभा चुनाव के साथ-साथ हुए उपचुनावों में निर्वाचित बनर्जी और सरकार ने राजभवन में शपथ लेने से इनकार कर दिया है। राज्यपाल ने पिछले बुधवार को दोनों विधायकों को राजभवन में शपथ लेने के लिए आमंत्रित किया था। उन्होंने यह कहते हुए निमंत्रण अस्वीकार कर दिया कि परंपरा के अनुसार उपचुनाव जीतने वालों के मामले में राज्यपाल सदन के अध्यक्ष या उपाध्यक्ष को शपथ दिलाने का काम सौंपते हैं।
स्पीकर बिमान बनर्जी ने सोमवार को कहा था कि हम राज्यपाल से विधानसभा में आने और खुद दोनों विधायकों को पद की शपथ दिलाने का आग्रह कर रहे हैं। इसे अहंकार का मुद्दा नहीं माना जाना चाहिए।
तृणमूल के एक वरिष्ठ नेता ने बुधवार को कहा कि वह इस मुद्दे के सुलझने और राज्यपाल द्वारा जल्द से जल्द कोई पहल किए जाने की उम्मीद कर रहे हैं क्योंकि यह गतिरोध किसी के हित में नहीं है और केवल दो विधानसभा क्षेत्रों में रहने वाले आम लोगों को नुकसान पहुंचा रहा है।