कोलकाता : कोलकाता के हरिदेवपुर इलाके में स्थित एक नशा मुक्ति केंद्र में युवती की मौत के मामले में मृतका का परिवार मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाने पहुचा। पौलोमी धर नाम की 28 वर्षीय युवती की गत 31 मई की आधी रात को हरिदेवपुर के एक नशा मुक्ति केंद्र में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। पुलिस ने इसे आत्महत्या का मामला बताया था और उसी एंगल से जांच कर रही थी।
अब पौलोमी के पिता, दीपक कुमार धर, का आरोप है कि उनकी बेटी की मृत्यु की खबर उन्हें उस रात नहीं दी गई। परिवार का कहना है कि पुलिस ने उन्हें सूचित किए बिना ही शव हटा दिया। पिता ने एक जून को एफआईआर दर्ज कराई।
दीपक कुमार का कहना है कि उनकी बेटी आत्महत्या नहीं कर सकती। पुलिस द्वारा मिले फोटो और वीडियो से उन्हें यकीन हो गया है कि यह आत्महत्या नहीं है। इसकी वजह है कि शव घुटनों पर बैठा हुआ अंतिम पोजीशन में नजर आया है। खुदकुशी इस तरह से नहीं की जाती है।
नशा मुक्ति केंद्र की सेक्रेटरी, मौमिता बंद्योपाध्याय, ने बताया कि कुछ लोगों से झगड़े के बाद युवती ने शौचालय में जाकर दुपट्टे से फांसी लगा ली थी।
पुलिस द्वारा मिले फोटो में दिख रहा है कि युवती का शव शॉवर की रॉड से फांसी पर लटका हुआ है, लेकिन वह घुटने मोड़कर बैठी हुई है।
पिता का सवाल है कि कोई घुटने मोड़कर जमीन पर बैठकर फांसी कैसे लगा सकता है? पुलिस का कहना है कि इसी कारण शव परीक्षण किया गया है।
राज्य महिला आयोग ने नशा मुक्ति केंद्र का निरीक्षण करने का निर्णय लिया है। परिवार ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से हस्तक्षेप की मांग की है। मुख्यमंत्री के कार्यालय ने कोलकाता पुलिस को जांच के लिए निर्देश भेज दी है। मृतक के परिवार को उम्मीद है कि मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद जांच में तेजी आएगी।