नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज ऑस्ट्रिया की बड़ी कंपनियों से वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में गंतव्य के रूप में ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के तहत उच्च गुणवत्ता और लागत प्रभावी विनिर्माण के लिए भारत के आर्थिक परिदृश्य का लाभ उठाने का आग्रह किया। इस संदर्भ में उन्होंने सेमीकंडक्टर, चिकित्सा उपकरणों, सौर फ़ोटोवोल्टिक (पीवी) सेल सहित अन्य क्षेत्रों में वैश्विक विनिर्माण कंपनियों को आकर्षित करने के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना के बारे में बात की।
उन्होंने कहा कि भारत की आर्थिक ताकत और कौशल तथा ऑस्ट्रिया की प्रौद्योगिकी व्यापार, विकास और स्थिरता के लिए स्वाभाविक भागीदार है। उन्होंने ऑस्ट्रिया के व्यवसायियों को भारत में निवेश के अवसरों का उपयोग करने और भारत की शानदार विकास कहानी का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ऑस्ट्रिया के चांसलर कार्ल नेहमर ने आज बुनियादी ढांचे, ऑटोमोबाइल, ऊर्जा, इंजीनियरिंग और स्टार्ट-अप सहित विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख ऑस्ट्रियाई और भारतीय सीईओ के एक समूह को संयुक्त रूप से संबोधित किया। दोनों नेताओं ने भारत और ऑस्ट्रिया के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने में उद्योग जगत की भूमिका को स्वीकारा। नेताओं ने कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश पिछले कुछ वर्षों से बढ़ रहा है और दोनों देशों की साझेदारी को पूरी क्षमता तक ले जाने आह्वान किया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ऑस्ट्रियाई व्यापारियों से भारत में तेजी से उभर रहे अवसरों पर गौर करने का आह्वान किया। उन्होंने दोहराया कि भारत अगले कुछ वर्षों में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने व्यापार आसान बनाने के लिए उनकी सरकार की ओर से उठाए कदमों की जानकारी देते हुए कहा कि इससे वैश्विक बड़ी कंपनियां भारत की ओर आकर्षित हो रही हैं। उन्होंने उल्लेख किया कि भारत और ऑस्ट्रिया के बीच स्थापित स्टार्ट-अप ब्रिज के पर्याप्त परिणाम मिलेंगे।
इस संबंध में उन्होंने सुझाव दिया कि दोनों देशों को एक साथ आना चाहिए और एक संयुक्त हैकथॉन का आयोजन करना चाहिए।