Kolkata : रेस्टोरेंट मालिक से मारपीट मामले में पुलिस कमिश्नरेट ने थाना प्रभारी को भेजा नोटिस

कोलकाता : पश्चिम बंगाल के बिधाननगर पुलिस कमिश्नरेट ने एक स्थानीय पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर-इन-चार्ज को रेस्तरां मालिक पर अभिनेता से नेता बने तृणमूल कांग्रेस के विधायक सोहम चक्रवर्ती द्वारा हमले के मामले में कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

यह कदम तब उठाया गया जब कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बिधाननगर सिटी पुलिस द्वारा प्रस्तुत किए गए सीसीटीवी फुटेज में उस क्षण की कोई रिकॉर्डिंग न होने पर नाराजगी जताई, जहां सेलिब्रिटी विधायक को रेस्तरां मालिक अनिसुल आलम पर बुरी तरह से हमला करते हुए देखा गया था।

क्या पुलिस ने डिलीट कर दी है सीसीटीवी रिकॉर्डिंग?
जब यह मामला कलकत्ता उच्च न्यायालय की एकल पीठ न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा के समक्ष सुनवाई के लिए आया, तो न्यायमूर्ति सिन्हा ने इस बात पर तीखी नाराजगी जताई कि पुलिस दावा कर रही है कि हमले के क्षण की कोई रिकॉर्डिंग नहीं हुई थी। जबकि पीड़ित ने अदालत में कुछ वीडियो फुटेज प्रस्तुत किए हैं जो स्पष्ट रूप से हमले की घटना को दिखाते हैं। मामले की अगली सुनवाई 31 जुलाई को होनी है।

अदालत ने यह भी पूछा कि यदि सीसीटीवी में हमले के क्षण की रिकॉर्डिंग नहीं हुई, तो पीड़ित ने अदालत में फुटेज कहां से प्रस्तुत किए? इसके बाद, बिधाननगर सिटी पुलिस अधिकारियों ने संबंधित पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर-इन-चार्ज को कारण बताओ नोटिस जारी किया, जिसके अधिकार क्षेत्र में उक्त रेस्तरां आता है।

क्या है मामला?
उल्लेखनीय है कि गत सात जून की रात को चक्रवर्ती को न्यू टाउन के रेस्तरां परिसर के अंदर आलम को मारते हुए कैमरे में कैद किया गया था। बाद में, अभिनेता-से-राजनेता बने चक्रवर्ती ने दावा किया कि उन्होंने तृणमूल महासचिव और लोकसभा सांसद अभिषेक बनर्जी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने पर आलम को मारा। हालांकि, आलम ने आरोप को खारिज कर दिया और चक्रवर्ती पर अपने दोष को छुपाने के लिए अभिषेक बनर्जी का नाम घसीटने का आरोप लगाया। आलम के अनुसार, विवाद तब शुरू हुआ जब उन्होंने चक्रवर्ती के ड्राइवर और बॉडीगार्ड से गलत तरीके से पार्क की गई कार को हटाने के लिए कहा।

तृणमूल विधायक को मिल गई है जमानत
तृणमूल विधायक सोहम चक्रवर्ती को दक्षिण 24 परगना की जिला अदालत से अग्रिम जमानत मिल गई है। जबकि पीड़ित ने न्याय के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। 14 जून को, न्यायमूर्ति सिन्हा ने पुलिस को हमले के मामले से संबंधित दस्तावेजों को संरक्षित करने का निर्देश दिया था।

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