कोलकाता : पश्चिम बंगाल में सरकारी स्कूलों के लिए प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती परीक्षा की नष्ट की गई ऑप्टिकल मार्क रिकॉग्निशन (ओएमआर) शीट को पुनः प्राप्त करने के प्रयास शुरू हो गए हैं। सीबीआई अधिकारी अब एस बसु एंड कंपनी के कार्यालय से जब्त किए गए सर्वरों और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजने की तैयारी कर रहे हैं।
एस बसु एंड कंपनी वह आउटसोर्स एजेंसी है, जिस पर भर्ती परीक्षा के लिए ओएमआर शीट प्रदान करने और उन्हें संरक्षित करने के लिए जिम्मेदार थी। एस बसु एंड कंपनी के कार्यालय में सीबीआई और सॉफ्टवेयर विशेषज्ञों के तीन दिनों तक चलाए गए तलाशी अभियानों के बाद डेटा मिटाए जाने के कुछ प्रारंभिक साक्ष्य मिले हैं।मिटाए गए डेटा को देखने के बाद जांच अधिकारियों ने कंपनी के सर्वरों और कुछ अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजने का निर्णय लिया है।
सूत्रों ने बताया कि सीबीआई के लिए ओएमआर डेटा की रिकवरी महत्वपूर्ण है, क्योंकि ये शीट स्कूल नौकरी भर्ती मामले में अनियमितताओं का महत्वपूर्ण सबूत हैं। पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीपीई) ने पहले ही कलकत्ता उच्च न्यायालय को सूचित कर दिया है कि ओएमआर डेटा को तृणमूल कांग्रेस के विधायक और पूर्व बोर्ड अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य के निर्देश पर नष्ट किया गया था, इसलिए सीबीआई के लिए डेटा की पुनर्प्राप्ति अत्यंत महत्वपूर्ण हो गई है।
सीबीआई कलकत्ता उच्च न्यायालय की एकल पीठ के जस्टिस राजशेखर मंथा के निर्देश के बाद स्वतंत्र साइबर और सॉफ्टवेयर विशेषज्ञों की मदद ले रही है। जस्टिस मंथा ने डब्ल्यूबीबीपीई को केंद्रीय एजेंसी द्वारा स्वतंत्र विशेषज्ञों की सेवाओं को किराए पर लेने के पूरे खर्च को वहन करने का भी निर्देश दिया है।