कोलकाता : पश्चिम बंगाल सरकार की अनुशंसा पर कोलकाता नगर निगम के साथ हावड़ा नगर निगम में भी 19 दिसंबर को चुनाव होने जा रहे हैं। सत्तारूढ़ पार्टी तो पहले से ही तैयार है। सूत्रों के अनुसार उम्मीदवारों की सूची भी तैयार कर ली गई है। इधर विधानसभा चुनाव में शिकस्त के बाद टूट से जूझ रही भारतीय जनता पार्टी भी कमर कस कर तैयार है। हावड़ा सदर के नवनियुक्त पार्टी अध्यक्ष मणिमोहन भट्टाचार्य ने दावा किया है कि निगम चुनाव में भाजपा ही जीतेगी।
उन्होंने कहा है कि जिले में लोग भारतीय जनता पार्टी को ही तृणमूल के विकल्प के तौर पर चुनेंगे। हावड़ा सदर के निवर्तमान भाजपा अध्यक्ष सुरजीत साहा ने शुभेंदु अधिकारी की भाजपा के प्रति निष्ठा पर सवाल उठाए थे, जिसके बाद उन्हें प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने तत्काल प्रभाव से हटा दिया था। उन्हीं की जगह मणिमोहन को अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। पेश है उनसे बातचीत के खास अंश।
प्रश्न : हावड़ा भाजपा की अंदरूनी कलह अब चर्चा का विषय है ?
उ. हावड़ा भाजपा में कोई आंतरिक कलह नहीं है। जो लोग इसके बारे में दुष्प्रचार कर रहे हैं, वे जानबूझकर ऐसा कर रहे हैं।
प्रश्न : सुरजीत लंबे समय से संघी रहे हैं। क्या आप भाजपा के विभिन्न स्तरों पर उनके प्रभाव को नकार सकते हैं?
उ. जब तक वह भाजपा में थे, उनका प्रभाव था। वह भी इसलिए क्योंकि पार्टी ने उन्हें पद दिया था। अब निकाले जाने के बाद पार्टी नेताओं अथवा कार्यकर्ताओं पर उनके प्रभाव का प्रश्न ही नहीं उठता। सात मोर्चों और 28 मंडल क्षेत्रों के अध्यक्षों ने आकर मुझे अपने पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया है।
प्रश्न : अब ‘बाहरी’ शब्द राजनीति में बहुत लोकप्रिय हो गया है। आप यहां के धरती पुत्र हैं। यह कितना मददगार होगा?
उ. मेरा जन्म हावड़ा में हुआ था। मैंने सल्किया हिंदू स्कूल और नरसिंह दत्त कॉलेज से पढ़ाई की। परिवार में किसी ने राजनीति नहीं की। मैं 1994 -95 में भाजपा में शामिल हुआ। पहले मैं युवा इकाई में था। मैं पहली बार 2006-07 में जिला सचिव बना था। 2013-14 में पहली बार हावड़ा सदर का अध्यक्ष रह चुका हूं और अब यह दूसरी बार है।
प्रश्न : आपका चुनावी अनुभव क्या है?
उ. 1996 में, पार्टी ने मुझे आम चुनाव के लिए नामांकित किया था। पिछले विधानसभा चुनाव में शिवपुर से प्रस्तावक था। मैं पिछले दो दशकों से हावड़ा के विभिन्न चुनावों में सक्रिय रहा हूं।
प्रश्न : हावड़ा में कितने वार्ड हैं? पिछले निगम चुनाव में भाजपा का परिणाम क्या था?
उ. हावड़ा में 66 वार्ड थे। इस बार बाली को अलग कर देने से यह घटकर 50 हो गया है। पिछली बार भाजपा ने 18 और 13 नंबर वार्ड में जीत हासिल की थी।
प्रश्न : मौजूदा हालात को देखते हुए क्या हावड़ा उपचुनाव में भाजपा की जीत की कोई उम्मीद है?
उ. अगर वोट होता है, तो हावड़ा में अगला चुनाव भाजपा जीतेगी। विधानसभा चुनाव में हम 50 में से 11 वार्डों में आगे हैं। शेष 39 में से हम 20 में छोटे अंतर से हारे थे। मुझे विश्वास है कि इनमें से प्रत्येक में भाजपा को अच्छे वोट मिलेंगे।
प्रश्न : इतना विश्वास का आधार क्या है?
उ. हावड़ा के लोगों का एक बड़ा तबका इस बात से खफा है कि चुनाव तीन साल से लंबित हैं। इसके अलावा जब बहुत बारिश होती है तो कई जगह पानी से भर जाते हैं। कुछ इलाकों में नावें चल रही थीं। पीने का पानी, स्ट्रीट लाइट कोई सुविधा नहीं है। लोग बदलाव चाहते हैं।
प्रश्न : नेता या चेहरा कौन होगा? क्या पार्टी पूर्व मेयर डॉ. रथिन चक्रवर्ती को मेयर के चेहरे के रूप में मैदान में उतारेगी?
उ. रथिन निश्चित रूप से अनुभवी और प्रसिद्ध हैं। अभी प्रत्याशी का चयन शुरू नहीं हुआ है। पार्टी नेतृत्व मेयर का चेहरा तय करेगा। मुझे इस बारे में कुछ नहीं कहना है।
प्रश्न : नए और पुराने नेताओं में से उम्मीदवारों में किसे प्राथमिकता मिलेगी?
उ. उम्मीदवारों के चुनाव के लिए चरित्र और योग्यता मुख्य मानदंड होंगे। हम एक तिहाई सीटों पर महिला उम्मीदवार भी उतार सकते हैं।