कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस के विधायक और पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा परिषद के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य ने ईडी की जांच को लेकर असंतोष जाहिर किया है। शनिवार को कोर्ट में पेशी के दौरान उन्होंने कहा, “ऐसा लग रहा है जैसे मैं बांस पर दो फुट चढ़ रहा हूं और एक फुट नीचे आ रहा हूं, यानी कोई प्रगति नहीं हो रही।”
माणिक भट्टाचार्य ने ईडी की जांच की तुलना स्कूल के गणित के उस सवाल से की जिसमें एक बंदर बांस पर चढ़ता है और फिसलकर नीचे आ जाता है। उन्होंने कहा कि किसी भी आरोपित को जेल भेजने से पहले जांच एजेंसी को ठोस सबूत पेश करने होते हैं।
माणिक ने अदालत से कहा कि बार-बार चार्जशीट दायर करते वक्त ईडी कहती है कि जांच जारी है। यह ठीक वैसा ही है जैसा सातवीं-आठवीं कक्षा में पढ़ाया जाता था।
पार्थ चटर्जी की पेशी में भी उठा मुद्दा
पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी को भी वर्चुअल माध्यम से अदालत में पेश किया गया। पार्थ के वकील ने अदालत को बताया कि उन्होंने ईडी से कुछ दस्तावेज मांगे थे, जो नहीं मिले। ईडी ने कहा कि वे एक और रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं और उन दस्तावेजों की जरूरत है। इस पर अदालत ने ईडी की दलील को कमजोर बताते हुए नाराज़गी जताई और दस्तावेज उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।
कालीघाट के काकू और अन्य आरोपितों की पेशी
शनिवार को ‘कालीघाट के काकू’ उर्फ सुजयकृष्ण भद्र और कुंतल घोष को भी अदालत में पेश किया गया। कालीघाट के काकू के वकील ने कुछ दस्तावेजों की हार्ड कॉपी की मांग की।
कुंतल घोष के वकील ने ईडी की जांच पर सवाल उठाते हुए अदालत से पूछा कि जांच पूरी नहीं होने पर मुकदमे की सुनवाई कब होगी। कुंतल ने अदालत से बाहर आकर कहा कि वह 21 जुलाई के मंच पर उपस्थित नहीं हो पाएंगे, जिससे उनका मन खिन्न है।
बीमार पड़ गई हैं अर्पिता मुखर्जी
वर्चुअल माध्यम से पेश हुईं पार्थ चटर्जी की महिला मित्र अर्पिता मुखर्जी के वकील ने अदालत को बताया कि उनकी मुवक्किल बीमार हैं और उनके स्त्रीरोग संबंधी समस्याएं हैं, जिनका इलाज चल रहा है लेकिन दवाइयों का असर नहीं हो रहा। उन्होंने पहले ही मेडिकल रिपोर्ट के लिए आवेदन किया था, जो अभी तक नहीं मिली।