कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने धर्मतला में रविवार को शहीद दिवस समारोह के मंच से पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं को संबोधित किया। उन्होंने अपने 24 मिनट के भाषण में पार्टी के भीतर नए और पुराने नेताओं के बीच बेहतर सामंजस्य और अनुशासन की आवश्यकता पर जोर दिया और निष्क्रिय नेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई का संकेत दिया। अभिषेक ने पार्टी के भीतर नए नेताओं और पुराने अनुभवी नेताओं के संतुलन को बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया।
अभिषेक ने पार्टी कार्यकर्ताओं को अनुशासन का पाठ पढ़ाया और कहा, “तृणमूल के कार्यकर्ता ही तृणमूल की शक्ति हैं। हमें अनुशासित रहना होगा। किसी भी तरह की बहस या विवाद में नहीं पड़ना चाहिए। भाजपा को वोट देकर लोगों ने नहीं जिताया, लोगों ने आपको वोट देकर जिताया है। इसलिए हमें संयम रखना होगा।” अभिषेक ने आगामी 2026 विधानसभा चुनाव की तैयारी की बात करते हुए कहा कि जो नेता चुनाव में निष्क्रिय रहे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया, “जो लोग नगरपालिका या पंचायत के चुनाव में अपने टिकट के लिए मेहनत करते हैं, लेकिन लोकसभा या विधानसभा चुनाव में पार्टी पर निर्भर रहते हैं, उनके खिलाफ कदम उठाए जाएंगे। तीन महीने के भीतर हम इस पर कार्रवाई करेंगे।”
अभिषेक ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए एसएससी और टीईटी घोटाले की तुलना नीट घोटाले से की। उन्होंने कहा, “राज्य में एसएससी और टीईटी घोटाले के आरोपितों को केंद्रीय एजेंसियों ने गिरफ्तार किया, लेकिन नीट घोटाले पर ईडी और सीबीआई कुछ नहीं कर रही हैं।” अभिषेक ने अपने डेढ़ महीने के ब्रेक के बारे में बताते हुए कहा कि उन्होंने इस दौरान पार्टी की गतिविधियों की समीक्षा की है। उन्होंने कहा, “मैंने देखा कि किसने चुनाव में क्या भूमिका निभाई। अब समीक्षा का काम पूरा हो गया है और अगले तीन महीने में हम कार्रवाई करेंगे।” डायमंड हार्बर से जीत के लिए जनता का आभार व्यक्त करते हुए अभिषेक ने कहा, “आत्मतुष्टि की कोई जगह नहीं है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि आने वाली जीत 2021 और 2024 से भी बड़ी हो।”
अभिषेक ने लोकसभा चुनाव में जीत का श्रेय ममता बनर्जी और अखिलेश यादव को दिया। उन्होंने कहा, “इस जीत के मुख्य कारक ममता बनर्जी और अखिलेश यादव हैं।” अभिषेक मंच पर समय से पहले पहुंचे और शहीद बेदी पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने ममता बनर्जी और अखिलेश यादव के साथ मंच साझा किया और तृणमूल की ताकत को और मजबूती देने का संकल्प लिया।