कोलकाता : राशन वितरण घोटाले में तृणमूल नेता अनिसुर रहमान और उनके भाई अलिफ नूर उर्फ मुकुल रहमान से पूर्व खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक ने दो चरणों में कुल 1.64 करोड़ रुपये लिए थे। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच में यह जानकारी सामने आई है।
ईडी की जांच के अनुसार, अनिसुर और अलिफ ने पहले चरण में 94 लाख रुपये नकद ज्योतिप्रिय को सौंपे थे, जिसे बाद में बैंक में जमा किया गया। दूसरे चरण में, ज्योतिप्रिय को 70 लाख रुपये और दिए गए। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि यह राशि नकद दी गई थी या नहीं।
ईडी के पास इस लेनदेन से संबंधित पर्याप्त प्रमाण मौजूद हैं, जबकि अनिसुर और अलिफ ने इस लेनदेन की जानकारी देने से इनकार किया है। प्रारंभिक पूछताछ में दोनों ने लेनदेन से इनकार किया था।
इसके अतिरिक्त, ईडी ने यह भी पाया कि राशन मामले में गिरफ्तार बकिबुर रहमान ने भी अनिसुर और अलिफ को 90 लाख रुपये दिए थे। ईडी यह जांच कर रही है कि क्या यह राशि रिश्तेदारी के कारण दी गई थी या राशन घोटाले से कमाए गए धन को स्थानांतरित किया गया था।
गुरुवार रात को लगभग 14 घंटे की पूछताछ के बाद अनिसुर और अलिफ को राशन घोटाले के मामले में गिरफ्तार किया गया। इससे पहले, बकिबुर को भी इसी मामले में गिरफ्तार किया गया था। ज्योतिप्रिय भी राशन मामले में जेल में हैं।
शुक्रवार को अनिसुर और अलिफ को अदालत में पेश किया गया, जहां ईडी ने दावा किया कि अनिसुर और अलिफ ने ज्योतिप्रिय की संस्था को 10 लाख रुपये का ब्याज दिया था।
ईडी की जांच में यह भी पाया गया कि ज्योतिप्रिय के चार्टर्ड अकाउंटेंट शांतनु भट्टाचार्य अनिसुर और अलिफ के भी चार्टर्ड अकाउंटेंट थे। ईडी ने शांतनु के दफ्तर डाइयमंड हेरिटेज में छापेमारी करके कई दस्तावेज और डिजिटल जानकारी हासिल की है। इन दस्तावेजों में एक फोल्डर ‘मुकुल दा’ के नाम से था, जिससे पता चला कि गिरफ्तार व्यक्तियों ने ज्योतिप्रिय से संबंधित संस्था को पैसे दिए थे। इस मामले में ईडी की जांच जारी है और वे संबंधित प्रमाण जुटाने की कोशिश कर रहे हैं।