कोलकाता : पश्चिम बंगाल राज्य सुधार प्रशासन मंत्री अखिल गिरि ने रविवार को अपनी पार्टी व विपक्ष के दबाव में अंततः इस्तीफा दे दिया। मंत्री का एक महिला वन अधिकारी के साथ अपमानजनक भाषा का प्रयोग करते हुए धमकाने का वीडियो वायरल होने के बाद तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने उन्हें माफी मांगने और तत्काल इस्तीफा देने का निर्देश दिया था।
यह पहली बार नहीं है जब गिरि विवादों में फंसे हैं। इससे पहले 2022 में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर की गई उनकी टिप्पणी की भी काफी आलोचना हुई थी। तब पार्टी प्रमुख और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गिरि की ओर से माफी मांगी थी। ताजा मामले में पश्चिम मिदनापुर जिले में राज्य वन विभाग की जमीन पर अतिक्रमण हटाने के बाद गिरि को महिला अधिकारी और उनकी टीम को धमकाते और गाली-गलौज करते हुए देखा गया। इस घटना के बाद से विवाद छिड़ गया है।
भाजपा ने मंत्री के इस आचरण का वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया और गिरि की गिरफ्तारी की मांग की, जबकि सत्तारूढ़ टीएमसी ने कहा कि पार्टी इस तरह के व्यवहार का समर्थन नहीं करती है।
टीएमसी नेता और राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. शांतनु सेन ने इस घटना के बारे में एक वीडियो साझा कर रविवार को कहा कि मंत्री गिरि को तुरंत माफी मांगनी चाहिए और अपना इस्तीफा सौंपना चाहिए। पार्टी इस तरह के किसी भी अपमानजनक व्यवहार को बर्दाश्त नहीं करेगी। शांतनु सेन ने कहा कि पार्टी नेता सुब्रत बख्शी ने अखिल गिरी से बात की और उन्हें तुरंत इस्तीफा देने को कहा है। शांतनु सेन ने इससे संबंधित एक वीडियो भी अपने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट एक्स पर शेयर किया है।
टीएमसी के इस निर्देश के बाद पार्टी के अंदर और बाहर दोनों जगह गिरि पर दबाव बढ़ गया था। हालांकि, गिरि ने रविवार को सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने जो कुछ भी कहा वह नहीं कहना चाहिए लेकिन एक बार फिर उन्होंने महिला अधिकारी पर ही सवाल खड़ा किया और कहा कि “उसका व्यवहार” अच्छा नहीं था।