बंगाल के मंत्री का बयान: “मेरे शब्द ठीक नहीं थे लेकिन अधिकारी का व्यवहार अनुचित था”

कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश के अनुसार अवैध अतिक्रमण हटाने पहुंची वन विभाग की महिला अधिकारी को धमकाने वाले मंत्री अखिल गिरी ने रविवार को इस पर सफाई दी है। उन्होंने महिला अधिकारी को धमकी देने और आपत्तिजनक शब्दों के इस्तेमाल को गलत तो बताया है लेकिन एक बार फिर उस अधिकारी के बर्ताव को गलत ठहराना नहीं भूले हैं। अखिल गिरि ने रविवार को कहा कि महिला वन अधिकारी के खिलाफ उनके द्वारा उपयोग किए गए धमकी भरे शब्द उचित नहीं थे, लेकिन अधिकारी का व्यवहार भी अनुचित था।

गिरि ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा, “गुस्से में मैंने जो शब्द कहे, वे उपयुक्त नहीं थे। मुझे एक सरकारी अधिकारी के प्रति ऐसे शब्द नहीं कहने चाहिए थे।” हालांकि, मंत्री ने यह स्वीकार करने से इनकार कर दिया कि गलती पूरी तरह से उनकी थी और अप्रत्यक्ष रूप से महिला वन अधिकारी को उनके अनुचित व्यवहार के लिए दोषी ठहराया। मंत्री ने कहा, “उसका बोलने का तरीका सही नहीं था। वर्तमान वन रेंजर को प्रशासन में कोई पसंद नहीं करता। उसने स्थिति को जटिल बना दिया।”

अखिल गिरि पहले भी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की शारीरिक बनावट पर अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए सुर्खियों में आ चुके हैं।

दरअसल वन विभाग की अधिकारी के खिलाफ मंत्री के बयान को लेकर सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने भी आपत्ति जताई थी। इसके बाद से वह बैक फुट पर हैं।

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