कोलकाता : पश्चिम बंगाल के पूर्व लोकप्रिय मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य के निधन पर पश्चिम बंग हिंदी भाषी समाज ने गहरा शोक प्रकट किया है। समाज की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में संयुक्त महासचिव पूनम कौर और श्रेया जायसवाल ने एक घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि वर्ष 1997 में कलकत्ता पुस्तक मेला में भयावह अग्निकांड के बाद तत्कालीन सूचना और संस्कृति मंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य ने कहा था कि 48 घंटे में पुस्तक मेला को चालू कर दिया जाएगा। उन्होंने जो कहा, वह कर दिखाया था।
बुद्धदेव भट्टाचार्य ने जीवन के अंतिम दिन तक जो जीवन जीया, वह भारतीय राजनीति में विरल है। उनके मुख्यमंत्री रहते समय पश्चिम बंगाल औद्योगीकरण में देश में दूसरे स्थान पर था। मुख्यमंत्री रहते हुए भी वे पाम एवेन्यू के डेढ़ कमरे के फ्लैट में रहे।कवि सुकांत भट्टाचार्य के भतीजे बुद्धदेव भट्टाचार्य का साहित्य – संस्कृति से अंतरंग रिश्ता था। वे लेखक, नाट्यकार, अनुवादक थे।
सांप्रदायिकता के खिलाफ उनकी भूमिका उल्लेखनीय है। कलकत्ता में फिल्म केंद्र ‘नन्दन’ की स्थापना में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। राजनीति में ईमानदारी के प्रतीक के रूप में वे याद किए जाएंगे।