वक्फ विधेयक लोकसभा में पेश, संयुक्त संसदीय समिति को भेजने की सिफारिश

नयी दिल्ली : सरकार की ओर से लोकसभा में पेश किए वक्फ संपत्ति से जुड़े विधेयक को संसद की संयुक्त समिति को भेजा जाएगा। केन्द्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को विधेयक को संसद में पेश किया और इसको संसद की संयुक्त समिति काे भेजने की सिफारिश की। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि वे सभी दलों के साथ चर्चा कर जेपीसी का गठन करेंगे।

लोकसभा में आज केन्द्रीय मंत्री रिजिजू ने ‘वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024’ पेश किया। साथ ही इससे जुड़े निष्क्रिय हो चुके पुराने अधिनियम को कागजों से हटाने के लिए ‘मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2024’ पेश किया। लोकसभा ने दोनों विधेयकों को ध्वनिमत से सदन में पेश किए जाने की मंजूरी प्रदान की। नए विधेयक का नाम एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तीकरण, दक्षता और विकास अधिनियम होगा। अंग्रेजी में यूनिफाइड वर्क मैनेजमेंट एंपावरमेंट एफिशिएंट एंड डेवलपमेंट यानी उम्मीद।

लोकसभा में विधेयक का विपक्ष ने एकजुट होकर विरोध किया। इसे पेश किए जाने का कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, एनसीपी (एसपी), वाइएसआर कांग्रेस, द्रमुक, नेशनल कांफ्रेंस, माकपा, भाकपा, एआईएमआईएम और एआईएमएल सहित विभिन्न विपक्षी पार्टियों ने विरोध किया। इस दौरान जनता दल (यू), शिवसेना ने विधेयक का समर्थन किया। वहीं सरकार में शामिल तेलगु देशम पार्टी ने विधेयक को प्रवर समिति को भेजे जाने की सिफारिश की।

लोकसभा अध्यक्ष की अनुमति से विधेयक को पेश किए जाने पर विपक्ष के कई नेताओं ने अपना विरोध दर्ज कराया। विपक्ष के नेताओं के विभिन्न मुद्दों पर बाद में केन्द्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने जवाब दिया। शून्यकाल के बाद विधेयक को पेश किए जाने पर करीब ढाई घंटे चर्चा चली। इसके बाद मंत्री ने विधेयक को आगे विचार के लिए संयुक्त संसदीय समिति को भेजे जाने की अनुशंसा की।

केन्द्रीय मंत्री रिजिजू ने विपक्ष के आरोपों का सदन में जवाब देते हुए विधेयक को लाए जाने के कारणों को गिनाया। उन्होंने विपक्ष से अनुरोध किया कि विधेयक को धार्मिक नहीं बल्कि इंसाफ की दृष्टि से देखा जाना चाहिए। विधेयक व्यापक चर्चा के बाद लाया गया है। कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकारों के दौरान की गई सिफारिशों को इनमें शामिल किया गया है। असल में कांग्रेस जो नहीं कर पाई, वे हम करने जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि वक्फ संपत्ति का सही उपयोग नहीं हो पा रहा है, इससे जितना आर्थिक लाभ मिलना चाहिए नहीं मिल पा रहा है। वक्फ बोर्ड में सभी मुसलमानों के सभी वर्गों के लिए स्थान नहीं है। इससे जुड़े कानून में कई ऐसे प्रावधान हैं जो अन्य कानूनों को कमतर करते हैं। यहां तक कि उन्हें शिकायत मिली है कि इसमें माफिया लोग बैठे हैं। इसके प्रावधानों का अनुचित उपयोग कर विकास कार्यों में बाधा डाली जा रही है और बिना किसी वैध प्रमाण के संपत्ति को वक्फ संपत्ति घोषित किया जा रहा है।

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