कोलकाता : आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज में युवा महिला डॉक्टर की हत्या के मामले में गिरफ्तार युवक को शनिवार को 14 दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। आरोपित को सियालदह अदालत में पेश किया गया, जहां इस गंभीर मामले पर कोई वकील उसका बचाव करने के लिए सामने नहीं आया।
इस हत्याकांड ने शुक्रवार सुबह तब सनसनी फैला दी जब आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज के चौथे तल के सेमिनार हॉल से एक महिला डॉक्टर का शव बरामद हुआ। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की जांच के बाद आरोपित को गिरफ्तार कर लिया। शनिवार दोपहर आरोपित को सियालदह अदालत में पेश किया गया, जहां सरकारी वकील ने इस घटना की नृशंसता का जिक्र करते हुए इसे दिल्ली के निर्भया कांड से तुलना की।
सरकारी वकील ने अदालत में कहा कि आर.जी. कर की घटना बेहद नृशंस है। दिल्ली के निर्भया कांड के समय जैसी घटनाएं हुई थीं, यहां भी वैसी ही संकेत मिल रहे हैं। आरोपित को पुलिस हिरासत में लेकर पूछताछ की जरूरत है।” न्यायाधीश ने इस तर्क को मानते हुए आरोपित को पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया। दूसरी ओर, आरोपित के पक्ष में कोई भी वकील उसका बचाव करने के लिए अदालत में उपस्थित नहीं हुआ।
इस घटना ने राज्य की राजनीति को भी हिला कर रख दिया है। कई राजनीतिक नेताओं ने इस मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। घटना के विरोध में आरजी कर अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने हड़ताल की घोषणा की है। एसोसिएशन के सदस्यों ने कहा कि जब तक न्यायिक मजिस्ट्रेट की देखरेख में जांच सहित उनकी अन्य मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक वे काम बंद रखेंगे।
शनिवार सुबह से ही जूनियर डॉक्टरों ने अस्पताल के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। केवल आरजी कर ही नहीं, बल्कि शहर के अन्य सरकारी अस्पतालों में भी डॉक्टरों ने हड़ताल की है, जिससे राज्य के विभिन्न जिलों में चिकित्सा सेवाओं पर असर पड़ा है। कई अस्पतालों में प्रदर्शन जारी है और डॉक्टर हड़ताल पर हैं। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि दोषी को सख्त से सख्त सजा दी जाए।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घटना के बाद मृतका के पिता को फोन कर मामले की जांच का आश्वासन दिया। शनिवार को उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस मामले की जांच कर रही है। ममता ने यह भी कहा कि उन्होंने शुक्रवार रात दो बजे तक कोलकाता के पुलिस आयुक्त विनीत गोयल के साथ इस मामले पर कई दौर की बातचीत की। मुख्यमंत्री ने छात्रों के गुस्से को भी उचित ठहराया।
पुलिस आयुक्त ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “अगर मृतका का परिवार चाहता है कि किसी अन्य एजेंसी द्वारा जांच की जाए, तो हमें कोई आपत्ति नहीं है।”
शनिवार सुबह से ही शहर के विभिन्न हिस्सों में आरजी कर हत्याकांड के खिलाफ प्रदर्शन देखने को मिले। ‘देश बचाओ जन मंच’ नामक संगठन ने इस घटना पर पांच प्रमुख मांगें उठाई हैं, जिनमें दोषियों को गिरफ्तार कर न्याय प्रक्रिया को तेज करने की मांग शामिल है। संगठन ने मुख्यमंत्री द्वारा इस मामले में उठाए गए कदमों और दिए गए निर्देशों का समर्थन भी किया है। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री ने छात्रों के इस आंदोलन को जिस तरह समर्थन दिया है, वह उचित है।