कोलकाता : भारत के 78वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आईटीसी लिमिटेड ने एक संगीतमय प्रस्तुति के साथ राष्ट्र के प्रति श्रद्धांजलि व्यक्त की है। इस संगीतमय रचना ‘देश एक राग’ को आईटीसी संगीत रिसर्च एकेडमी (आईटीसी-एसआरए) के गुरुओं एवं शिष्यों ने प्रस्तुत किया। आत्मा को झकझोर देने वाली यह संगीतमय रचना देश की सांस्कृतिक परंपराओं में निहित हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के विभिन्न रूपों का संगम है। संगीत समूह ने युवा पीढ़ी के लिए भारतीय शास्त्रीय संगीत को समकालीन बनाते हुए हिंदुस्तानी शास्त्रीय धुनों को बजाने के लिए पश्चिमी एवं भारतीय वाद्यों का अभिनव संयोजन किया है। संगीत वीडियो में प्रस्तुत की गई इस रचना को आज लिंक्डइन पर एक पोस्ट के माध्यम से आईटीसी के चेयरमैन श्री संजीव पुरी ने साझा किया। श्री पुरी आईटीसी-एसआरए के न्यासी बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं।
आईटीसी-एसआरए के गुरुओं एवं शिष्यों द्वारा अन्य कलाकारों के सहयोग से प्रस्तुत की गई यह विशेष रचना राष्ट्र के प्रति एक श्रद्धांजलि है, जिसमें परम्परा एवं प्रगति; विरासत एवं विकास एक साथ चलते हैं। राष्ट्र के लिए समावेशी एवं स्थायी मूल्य सृजित करने के कंपनी के मूल विश्वास को रेखांकित करने वाले आईटीसी के ‘राष्ट्र प्रथम: सब साथ बढ़ें’ के सिद्धांत के अनुरूप, देश एक राग पहल हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत की भारत की समृद्ध विरासत को संरक्षित, पोषित एवं संवर्धित करने में सार्थक योगदान देने की आईटीसी की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
आईटीसी-एसआरए के कुछ गुरुओं द्वारा तैयार की गई यह विशेष रचना राग देश पर आधारित है, जो भारत के राष्ट्रीय गीत – वंदे मातरम का एक अभिन्न अंग है।
इस पहल के बारे में आईटीसी लिमिटेड के चेयरमैन संजीव पुरी ने कहा, ‘मुझे खुशी है कि 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हमारे देश को श्रद्धांजलि देने के लिए आईटीसी संगीत रिसर्च एकेडमी (आईटीसी-एसआरए) ने एक विशेष रचना तैयार की है, जिसे संगीत वीडियो ‘देश एक राग – राष्ट्र के लिए एक स्तुति’ के रूप में प्रस्तुत किया गया है। आईटीसी-एसआरए के प्रतिभाशाली विद्वानों द्वारा रचित यह संगीतमय कृति राग देश से प्रेरित है, जो हमारे महान राष्ट्र के प्रति गर्व एवं प्रशंसा की गहरी भावना जागृत करती है।’