कोलकाता : पश्चिम बंगाल के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज में हुई एक महिला डॉक्टर की संदिग्ध मौत के मामले में परिवार और आम जनता के बीच आक्रोश बढ़ता जा रहा है। इस मामले में पीड़िता की मां ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा, “लक्ष्मी भंडार योजना का लाभ लेने से पहले सोचिए कि आपकी खुद की लक्ष्मी (बेटी) सुरक्षित है या नहीं।”
इस घटना के बाद से ही पीड़िता के परिवार ने पुलिस और अस्पताल प्रशासन के खिलाफ आवाज उठाई है। पीड़िता के पिता ने इस पर सवाल उठाया कि जब वे खुद अपनी बेटी के लिए न्याय मांग रहे हैं, तो धारा 144 लागू कर आंदोलन को दबाने की कोशिश क्यों की जा रही है? उन्होंने कहा, “यह दोहरा आचरण क्यों? क्या वे आम जनता से डरते हैं?”
घटना की जांच को लेकर पहले ही पुलिस ने सन्देह के आधार पर संजय राय को गिरफ्तार कर लिया था। लेकिन इस मामले की गंभीरता को देखते हुए हाई कोर्ट के निर्देश पर सीबीआई को जांच का जिम्मा सौंपा गया। सीबीआई ने जांच के दौरान आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष से भी पूछताछ की है। हालांकि, पीड़िता का परिवार सीबीआई की जांच से भी संतुष्ट नहीं है।
मृतक महिला डॉक्टर की मां ने कहा, “मेरी बेटी ने मुझसे कहा था कि वह जिस स्थान पर है, वह किसी को न बताएं। आर.जी. कर मेडिकल में क्या हो रहा था, अब आपको समझ में आ रहा होगा। वह डर गई थी कि उसे वहां से निकाल दिया जाएगा।”
इस बीच, भाजपा ने इस मुद्दे पर ममता बनर्जी की सरकार पर हमला बोला है। भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि ममता बनर्जी आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज में सबूत नष्ट करवा रही हैं। राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। ममता बनर्जी दोषियों को पकड़ने में नाकाम हैं, फिर भी वे रैलियां निकालती हैं। उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना चाहिए।
यह मामला अब पूरे राज्य में राजनीतिक मुद्दा बन गया है, और पीड़िता के परिवार और आम जनता का आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है।