कोलकाता : आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज में हुए डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले के बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए अहम कदम उठाए हैं। इसके तहत राज्य के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल और सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों में सेवानिवृत्त पुलिस, सेना, नौसेना और वायुसेना के अधिकारियों की नियुक्ति का निर्णय लिया गया है।
मंगलवार को इस संबंध में राज्य पुलिस के एडीजी (कानून व्यवस्था) मनोज वर्मा ने एक आदेश जारी किया। इस आदेश में कहा गया है कि पिछले दो वर्षों में सेवानिवृत्त हुए पुलिस इंस्पेक्टर से लेकर एसपी रैंक के अधिकारियों, जो अभी भी शारीरिक रूप से सक्षम हैं और अस्पतालों की सुरक्षा की निगरानी करने के इच्छुक हैं, उनकी जानकारी जुटाई जाए। इसके साथ ही, सेवानिवृत्त सेना, नौसेना और वायुसेना के अधिकारियों की एक सूची भी तैयार करने का निर्देश दिया गया है। इच्छुक सेवानिवृत्त अधिकारियों को 24 अगस्त 2024 तक आवेदन करने के लिए कहा गया है। इन अधिकारियों को ‘सिक्योरिटी ऑफिसर’ या सुरक्षा की निगरानी के लिए नियुक्त किया जाएगा, और उनके पारिश्रमिक को लेकर बाद में चर्चा की जाएगी।
इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने भी देशभर के अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने का निर्देश दिया था। आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर के साथ हुए जघन्य अपराध के मामले में सुनवाई करते हुए, मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने अस्पतालों की सुरक्षा के लिए टास्क फोर्स गठित करने का सुझाव दिया था।
सुप्रीम कोर्ट की इस सिफारिश के अनुसार, अस्पतालों में बनने वाली टास्क फोर्स में नौ डॉक्टरों को शामिल किया जाएगा। इस टास्क फोर्स का मुख्य कार्य चिकित्सा सेवा से जुड़े सभी लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना, हिंसा और लैंगिक भेदभाव को समाप्त करना, और डॉक्टरों और प्रशिक्षु डॉक्टरों के लिए एक सुरक्षित कार्य वातावरण तैयार करना होगा।
इसके साथ ही, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय भी अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए कदम उठा रहा है।