नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए गैर राजनीतिक पृष्ठभूमि के युवाओं से राजनीति में आने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि स्वतंत्र संग्राम के दौरान भी बहुत से गैर राजनीतिक पृष्ठभूमि के लोग उसमें जुड़े थे। इसी तरह की जरूरत आज भी है।
‘मन की बात’ के 113वें एपीसोड में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस समारोह में उनके लाल किले से किए गए आह्वान की जबदस्त प्रतिक्रिया हुई है। युवा उन्हें लिख रहे हैं कि वे अपने क्षेत्र में काम करने का अनुभव रखते हैं और राजनीति से जुड़कर बदलाव लाना चाहते हैं। इससे पता चलता है कि कितनी बड़ी संख्या में हमारे युवा, राजनीति में आने को तैयार बैठे हैं। बस उन्हें सही मौके और सही मार्गदर्शन की तलाश है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘मन की बात’ के आज के एपीसोड में राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस का उल्लेख किया। साथ उन्होंने अंतरिक्ष के क्षेत्र में स्टार्टअप चलाने वाले युवाओं से बातचीत भी की। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष 23 अगस्त को चंद्रयान-3 चांद के दक्षिणी हिस्से में शिव-शक्ति बिन्दू पर सफलतापूर्वक उतरा था। भारत इस गौरवपूर्ण उपलब्धि को हासिल करने वाला दुनिया का पहला देश बना।
उन्होंने हर घर तिरंगा अभियान का उल्लेख करते हुए कहा कि इस अभियान ने पूरे देश को एक सूत्र में बांध दिया है और यही ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ का उदाहरण है।
उन्होंने असम में तिनसुकिया जिले के छोटे से गांव बारेकुरी में मोरान समुदाय के लोगों के गिबन्स के साथ विशेष रिश्ते की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गांव में ‘हूलॉक बन’, जिन्हें यहां ‘होलो बंदर’ कहा जाता है, ने अपना बसेरा बना लिया है। गांव के लोगों का हूलॉक गिबन के साथ बहुत गहरा संबंध है। गांव के लोग आज भी अपने पारंपरिक मूल्यों का पालन करते हैं। इसलिए उन्होंने वो सारे काम किए, जिससे गिबन्स के साथ उनके रिश्ते और मजबूत हों।
प्रधानमंत्री ने अरूणाचल प्रदेश में वन्यजीव संरक्षण के एक अनूठे प्रयास की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अरुणाचल में कुछ युवा 3-डी प्रींटिंग का उपयोग कर वन्य जीवों को सींगों और दांतों के लिए शिकार होने से बचाने का प्रयास कर रहे हैं। नाबम बापू और लिखा नाना के नेतृत्व में ये टीम जानवरों के अलग-अलग हिस्सों की 3-डी प्रींटिंग करती है।
इसी क्रम में उन्होंने बताया कि मध्य-प्रदेश के झाबुआ में कुछ के प्रयास से पार्क में कचरे से अद्भुत आर्ट वर्क तैयार किया है। इकोस्कीयस टीम प्लास्टिक वेस्ट का उपयोग इको-फ्रेंडली उत्पाद बनाने का काम कर रही है।
उन्होंने ‘विश्व संस्कृत दिवस’ की बात की। उन्होंने कहा कि आज भी देश-विदेश में संस्कृत के प्रति लोगों का विशेष लगाव दिखता है। दुनिया के कई देशों में संस्कृत भाषा को लेकर तरह-तरह के शोध और प्रयोग हो रहे हैं।
उन्होंने हर साल 1 सितम्बर से 30 सितम्बर के बीच चलने वाले पोषण माह के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि लोगों को इस अभियान से जुड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष पोषण अभियान को नई शिक्षा नीति से भी जोड़ा गया है। ‘पोषण भी पढ़ाई भी’ इस अभियान के द्वारा बच्चों के संतुलित विकास पर केन्द्रित किया गया है।