कोलकाता : पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष और पूर्व सांसद अधीर रंजन चौधरी को शनिवार को आरजी कर अस्पताल के बाहर विरोध का सामना करना पड़ा। अधीर, शनिवार को अपनी पार्टी के कुछ सदस्यों के साथ अस्पताल पहुंचे थे। लेकिन, जूनियर डॉक्टरों के एक समूह ने राजनेताओं को अस्पताल के अंदर जाने की अनुमति देने पर आपत्ति जताई। अस्पताल के गेट पर सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों ने भी उन्हें अस्पताल के भीतर जाने से रोक दिया।
अधीर चौधरी इससे पहले 14 अगस्त को मारे गए चिकित्सक के परिवार से मिलने उनके घर गए थे। शनिवार को वे फिर से उस परिवार से मिले और सीधे आर जी कर अस्पताल पहुंचे। हालांकि, अस्पताल के गेट पर ही उन्हें रुकना पड़ा। वहां उन्होंने कुछ आंदोलनरत जूनियर डॉक्टरों से बात की और राज्य की पुलिस और प्रशासन के खिलाफ अपना आक्रोश व्यक्त किया।
अधीर चौधरी ने गेट के बाहर खड़े होकर कहा, “मैं एक नेता के रूप में नहीं, बल्कि एक सहानुभूति रखने वाले व्यक्ति के रूप में आंदोलनरत डॉक्टरों के साथ खड़ा होने आया हूं। मैं उन्हें यह बताना चाहता था कि हम उनके साथ हैं।” उन्होंने वहां मौजूद डॉक्टरों को पानी देने की पेशकश भी की, लेकिन डॉक्टरों के एक प्रतिनिधि ने गेट के बाहर आकर विनम्रता से यह पेशकश अस्वीकार कर दी।
अधीर चौधरी ने कहा, “सख्त सुरक्षा उपाय अब दिखाए जा रहे हैं। घर की बेटी असमय चली गई, और अब इतने पुलिस बल और बैरिकेड लगाए गए हैं। अगर यह कदम पहले उठाए जाते, तो अपराध की यह घटना नहीं होती।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने पीड़ित परिवार को घर में नजरबंद कर रखा है।
इस पूरे घटनाक्रम के बाद, अधीर चौधरी अस्पताल के गेट से ही वापस लौट गए। उन्होंने राज्य प्रशासन पर कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि प्रशासन की नाकामी के कारण ही यह सब हो रहा है।
यह घटना उस समय की है जब पश्चिम बंगाल में चिकित्सकों की सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है।