कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला। दुष्कर्मियों को फांसी और आजीवन कारावास की सजा वाले ‘अपराजिता बिल’ पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह बिल एक ऐतिहासिक कदम है! प्रधानमंत्री जो नहीं कर सके, हमने कर दिखाया। प्रधानमंत्री देश के लिए शर्म की बात हैं! वह महिलाओं की सुरक्षा नहीं कर पाए। मैं केंद्रीय गृह मंत्री के इस्तीफे की मांग करती हूं।
विधानसभा में ममता की इस तीखी टिप्पणी के दौरान विपक्ष ने विरोध करते हुए हंगामा किया। ममता ने विपक्षी विधायकों को शांत रहने के लिए हाथ जोड़ते हुए कहा कि मैं हाथ जोड़कर कह रही हूं, कृपया चुप रहकर सुनें।
ममता बनर्जी ने उत्तर प्रदेश और गुजरात में हुई बलात्कार की घटनाओं का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस्तीफे की भी मांग की। उन्होंने कहा कि पहले नरेंद्र मोदी का इस्तीफा चाहिए, फिर बाकी की बात करेंगे।
मुख्यमंत्री ने विपक्षी विधायकों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि मुझ पर कोई भी अभद्र टिप्पणी का मुझ पर कोई असर नहीं होता, लेकिन आप बंगाल की छवि को खराब न करें। अगर मेरे पार्टी के लोग प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री के बारे में ऐसे बोलें तो आपको कैसा लगेगा ?
शुभेंदु अधिकारी के सवाल पर ममता ने जवाब दिया कि अपराजिता बिल को लेकर जो भी बात की जा रही है, वह विपक्ष की राजनीति है। अगर आप देखना चाहते हैं कि बिल पास होता है या नहीं, तो राज्यपाल से जाकर बिल पर हस्ताक्षर कराएं।
ममता बनर्जी ने रेलवे सुरक्षा का मुद्दा उठाते हुए कहा, “आप लोग कहते हैं कि ट्रेन में बलात्कार हुआ, तो क्या ट्रेन हमारी है? ट्रेन के अंदर की सुरक्षा का जिम्मा आरपीएफ का है और यह उनकी विफलता है।”
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि हमारी पुलिस ने अपने स्तर पर जांच की और पीड़िता के माता-पिता को हर जानकारी दी गई। लेकिन अदालत ने सीबीआई को मामला सौंप दिया। हम सीबीआई से भी न्याय की मांग करते हैं।
ममता ने कहा, “बिल का कानून बनाना हमारे लिए एक ऐतिहासिक दिन है। मैं कहती हूं कि राज्यपाल से बिल पर हस्ताक्षर कराएं, फिर आप देखेंगे कि नियम कैसे बनते हैं।”
ममता बनर्जी के इन तीखे बयानों के बीच पश्चिम बंगाल विधानसभा में खूब हंगामा हुआ, लेकिन उन्होंने अपने बेबाक अंदाज में जवाब देकर विपक्ष को करारा जवाब दिया।