कोलकाता : आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की घटना को लेकर जूनियर डॉक्टरों का आंदोलन जारी है। मंगलवार को जूनियर डॉक्टरों के एक प्रतिनिधि मंडल ने पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल से लालबाजार में मुलाकात की। इसके बाद, उन्होंने सड़क पर चल रहे धरने को समाप्त करने का निर्णय लिया, लेकिन अपने-अपने संस्थानों में आंदोलन जारी रखने का फैसला किया है।
पुलिस कमिश्नर से चर्चा के बाद जूनियर डॉक्टरों ने उस सड़क को साफ कर दिया, जहां वे धरना दे रहे थे। डॉक्टरों का कहना है कि पुलिस कमिश्नर ने उनकी शिकायतें तो सुनीं लेकिन कोई ठोस जवाब नहीं दिया।
डॉक्टरों ने कहा, “हमने पुलिस कमिश्नर से पूछा कि क्या वह इस घटना के लिए नैतिक जिम्मेदारी लेंगे। जवाब में उन्होंने कहा कि वह अपने काम से संतुष्ट हैं, लेकिन अगर उनके वरिष्ठ अधिकारी उन्हें पद से हटाना चाहते हैं, तो वह उसे भी खुशी से मान लेंगे।”
डॉक्टरों के प्रतिनिधि मंडल ने पुलिस कमिश्नर को एक प्रतीकात्मक रीढ़ भी सौंपी, जो वे अपने साथ लेकर गए थे। उनका कहना है कि यह रीढ़ प्रतीकात्मक रूप से पुलिस प्रशासन की जिम्मेदारी की याद दिलाने के लिए दी गई है।
डॉक्टरों के प्रतिनिधि मंडल ने बताया कि 14 और 12 अगस्त की घटनाओं के संदर्भ में पुलिस कमिश्नर ने पुलिस की विफलता को स्वीकार किया, लेकिन उन्हें उनके सवालों का संतोषजनक जवाब नहीं मिला। डॉक्टरों का कहना है कि नैतिकता के आधार पर पुलिस कमिश्नर को इस्तीफा देना चाहिए।
प्रतिनिधि मंडल की लालबाजार में करीब डेढ़ घंटे की चर्चा के बाद, वे बाहर आ गए और आंदोलन को जारी रखने की बात कही। डॉक्टरों का कहना है कि वे सड़क पर धरना प्रदर्शन खत्म कर रहे हैं, लेकिन न्याय की मांग को लेकर आंदोलन जारी रहेगा।
आंदोलन के अगले कदम
जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं तो उनका आंदोलन लंबा चल सकता है। वे अपने-अपने संस्थानों में धरना और प्रदर्शन करते रहेंगे। उनका कहना है कि वे पुलिस प्रशासन से पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं और इस मामले में पुलिस की जवाबदेही तय होनी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि सोमवार को भी डॉक्टरों ने अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा था और पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स को हटाने की मांग की थी। मंगलवार को फिर से जूनियर डॉक्टरों ने मानव श्रृंखला बनाकर विरोध किया और पुलिस कमिश्नर से मिलने की मांग की थी। पुलिस ने डॉक्टरों के लिए लालबाजार तक एक प्रतिनिधि मंडल भेजने की व्यवस्था की थी, जिसके बाद यह चर्चा हुई।
इस पूरे मामले पर समाज के विभिन्न वर्गों का समर्थन डॉक्टरों को मिल रहा है, और यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आने वाले दिनों में आंदोलन किस दिशा में जाता है।