कोलकाता : पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने राष्ट्रपति और केंद्रीय गृहमंत्री को पत्र लिखकर कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल से दो महत्वपूर्ण पुलिस पदक वापस लेने की मांग की है।
शुभेंदु ने अपने पत्र में स्पष्ट रूप से कहा है कि विनीत गोयल राष्ट्रपति पुलिस पदक और पुलिस पदक के योग्य नहीं हैं, जो उन्हें 2013 और 2023 में प्रदान किए गए थे। उनका आरोप है कि विनीत के नेतृत्व में कोलकाता पुलिस आरजी कर अस्पताल मामले की जांच में विफल रही और इस कारण वे इन पदकों की प्रतिष्ठा को बनाए रखने में असमर्थ हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस के काम की सराहना करने के लिए ये पदक प्रदान किए जाते हैं, लेकिन विनीत गोयल ने अपने कार्यों से न केवल अपनी छवि, बल्कि 168 साल पुराने कोलकाता पुलिस की प्रतिष्ठा को भी धूमिल किया है।
शुभेंदु ने अपने पत्र की प्रतियां सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर भी साझा की हैं। उन्होंने पत्र में कानून का उल्लेख करते हुए तर्क दिया है कि पदक वापस लेने का प्रावधान है यदि पदक धारक पर भ्रष्टाचार या कायरता का आरोप साबित होता है। उन्होंने 2017 में केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा राज्य सरकार को भेजे गए पत्र का भी हवाला दिया, जिसमें पुलिस पदकों से संबंधित नियमों का पालन न होने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई थी।
वहीं, तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता अरूप चक्रवर्ती ने इस पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि भाजपा की डबल इंजन सरकार ने उत्तर प्रदेश को ‘रेप प्रदेश’ बना दिया है। इस तर्क से तो उत्तर प्रदेश के सभी पुलिस अधिकारियों की कुर्सियां छीन लेनी चाहिए। जो लोग बृजभूषण शरण सिंह को ‘वीर’ का तमगा देते हैं और प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बलात्कार के आरोपित भाजपा नेताओं को माला पहनाकर सम्मानित करते हैं, उन्हें ये बातें शोभा नहीं देतीं। शुभेंदु को पहले अपनी पार्टी की ओर देखना चाहिए।