कोलकाता : दक्षिण बंगाल के कई जिलों में भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस स्थिति पर कड़ी नजर रखते हुए राज्य के मंत्रियों और पार्टी नेताओं को निर्देश दिया है कि वे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करें और स्थिति का आकलन करें। मुख्यमंत्री ने यह भी आदेश दिया है कि पीड़ितों के बीच जाकर उनकी समस्याओं को समझा जाए और तुरंत राहत पहुंचाई जाए।
सोमवार सुबह मुख्यमंत्री के आदेश के बाद, राज्य के विभिन्न हिस्सों में सत्ताधारी पार्टी के नेता मौके पर पहुंचने लगे। हुगली जिले के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का निरीक्षण करने के लिए राज्य के मंत्री बेचाराम मन्ना और सांसद देव पहुंचे।
हुगली के अरामबाग इलाके में मंत्री बेचाराम मन्ना ने प्रभावित लोगों को राहत सामग्री, तिरपाल, और अन्य आवश्यक वस्तुएं वितरित की। उन्होंने स्थानीय निवासियों से बातचीत कर उनकी समस्याओं को समझने का प्रयास किया। निरीक्षण के बाद मंत्री ने बताया कि आरामबाग और इसके आसपास के कई गांव पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं। अरामबाग नगरपालिका के 10 वार्ड, अरामबाग पंचायत समिति के लात ग्राम पंचायत, खानाकुल के आठ ग्राम पंचायत और गोगहाट के सात ग्राम पंचायत बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
उधर सांसद देव ने पश्चिम मेदिनीपुर के घाटाल के जलमग्न क्षेत्रों का दौरा किया और कहा, “मेरा घाटाल पानी में डूबा हुआ है। लोग बेहद कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। कई लोगों के घर बर्बाद हो रहे हैं।”
प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाकर राहत शिविरों में ठहराने की व्यवस्था की गई है। बेचाराम मन्ना ने आश्वासन दिया कि पर्याप्त राहत सामग्री, तिरपाल, और जनरेटर की व्यवस्था की गई है, साथ ही जरूरत पड़ने पर स्पीड बोट भी तैयार रखी गई है। निरीक्षण के बाद वे अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपेंगे।
सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री ने उत्तर 24 परगना के जिला परिषद अध्यक्ष और अशोकनगर के विधायक नारायण गोस्वामी को भी निर्देशित किया है कि वे बनगांव के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करें। मंगलवार को जिला परिषद की टीम के साथ उनका बनगांव जाने का कार्यक्रम है।
दक्षिण बंगाल में पिछले कुछ दिनों से जारी निम्न दबाव के कारण भारी बारिश हो रही है, जिससे खेतों में पानी भर गया है, सड़कें डूब गई हैं, और कई घर भी आंशिक रूप से पानी में डूबे हुए हैं। कुछ जगहों पर बांध टूटने का खतरा भी मंडरा रहा है। मुख्यमंत्री और पार्टी नेता स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और समय-समय पर आवश्यक कदम उठा रहे हैं।