कोलकाता दुष्कर्म-हत्या मामले में सीबीआई जांच की प्रगति से सुप्रीम कोर्ट संतुष्ट

नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में रेप और हत्या के मामले पर सुनवाई करते हुए सीबीआई जांच की प्रगति और स्टेटस रिपोर्ट पर संतुष्टि जतायी। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि स्टेटस रिपोर्ट को देखकर लगता है कि सीबीआई कोर्ट के द्वारा इंगित किए गए सभी पहलुओं पर जांच कर रही है। कोर्ट ने सीबीआई को ताजा स्टेटस रिपोर्ट एक हफ्ते के अंदर दाखिल करने का निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई एक हफ्ते के बाद होगी।

कोर्ट ने कहा कि सीबीआई गहराई से जांच कर रही है। सभी तथ्य लाने की कोशिश की जा रही है। दूसरे लोगों की भूमिका भी जांच के दायर में है। चीफ जस्टिस ने यह भी कहा कि रिपोर्ट में लिखी गई बातें परेशान करने वाली हैं। जांच के लिए समय देना होगा। कोर्ट ने कहा कि सीबीआई पीड़िता के परिवार से भी बात करे। सुनवाई के दौरान पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट को आश्वस्त किया कि अगर डॉक्टर काम पर लौटते हैं तो अब तक काम से गैरहाजिर होने के चलते उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई राज्य सरकार की ओर से नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार के आश्वासन को अपने आदेश में दर्ज किया कि काम पर वापस लौटने की सूरत में डॉक्टरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होंगी। जूनियर डॉक्टरों की ओर पेश वकील इंदिरा जयसिंह ने बताया कि डॉक्टरों की जनरल बॉडी मीटिंग में काम पर लौटने के बारे में फैसला लिया जाएगा। हालांकि पश्चिम बंगाल सरकार के ये पूछने पर कि मीटिंग कब होगी, इसकी कोई समयसीमा देने से इंदिरा जयसिंह ने इनकार किया।

सुनवाई के दौरान ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त नाराजगी जाहिर की। चीफ जस्टिस ने वकील से कहा कि ये राजनीतिक मंच नहीं है। हम आपकी राजनीतिक सुविधा के हिसाब से काम करने के लिए नहीं बैठे हैं। किसी मुख्यमंत्री को इस्तीफा देने के लिए कहना, कोर्ट का काम नहीं है। कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग पर आपत्ति जाहिर की। सिब्बल ने कहा कि सोशल मीडिया पर ऐसा माहौल बनाया जा रहा है कि जैसे हम पश्चिम बंगाल सरकार की पैरवी करके गुनहगारों के पक्ष में खड़े हैं। मेरी पचास साल में कमाई इज्जत को रातों रात खत्म किया जा रहा है।

सोशल मीडिया पर जिरह के दौरान ऐसे पेश किया गया जैसे मैं सुनवाई के दौरान हंस रहा था। ये ठीक नहीं है। केस में पैरवी करने वाली मेरी चैंबर की महिला वकीलों को रेप, एसिड अटैक तक की धमकियां मिल रही हैं। चीफ जस्टिस ने लाइव स्ट्रीमिंग रोकने की मांग ठुकराई। चीफ जस्टिस ने कहा कि ये जनहित का मसला है। ये ओपन कोर्ट है। जनता को सुनवाई के बारे में जानने का हक है। जहां तक वकीलों को मिल रही धमकी का मसला है, हम उसका ध्यान रखेंगे।

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