कोलकाता : कोलकाता के आरजी कर कांड के विरोध में प्रदर्शन करने पर बांकुड़ा जिला सरदामणि महिला कॉलेज की दो छात्राओं को क्लास से निकालने का आरोप लगा है। इस घटना के बाद स्थानीय लोग और कॉलेज की कई पूर्व छात्राएं भी इन छात्राओं के समर्थन में आ गई हैं। हालांकि, कालेज ने इन आरोपों को बेबुनियाद और इस पूरे घटनाक्रम को राजनीति से प्रेरित बताया है।
बांकुड़ा जिला सरदामणि महिला कॉलेज के भूगोल विभाग के प्रमुख और राज्य के पूर्व मंत्री श्यामल सांत्रा पर आरोप है कि उन्होंने दो छात्राओं को कक्षा से बाहर निकाल दिया। शनिवार सुबह से ही इस घटना को लेकर कॉलेज परिसर में तनाव बना हुआ है। इस घटना के खिलाफ छात्राओं के साथ कॉलेज की पूर्व छात्राएं और स्थानीय लोग भी प्रदर्शन में शामिल हो गए। श्यामल सांत्रा ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनके खिलाफ यह राजनीतिक उद्देश्य से किया जा रहा है और उन्होंने केवल राजनीतिक पर्चे बांटने से रोका था।
प्रदर्शन में शामिल छात्राओं का कहना है कि उन्होंने आरजी कर कांड के दोषियों को सजा दिलाने की मांग को लेकर प्रदर्शन की अनुमति मांगी थी लेकिन कॉलेज प्रशासन ने अनुमति नहीं दी। इसके बाद उन्होंने कॉलेज गेट के बाहर ‘स्ट्रीट पेंटिंग’ के जरिए अपना विरोध जताया। जब यह बात भूगोल विभाग के प्रमुख श्यामल सांत्रा को पता चली, तो उन्होंने पाचंवे सेमेस्टर की दो छात्राओं, अपर्णा मंडल और प्रेयसी टुडू को अपमानित कर कक्षा से बाहर निकाल दिया।
प्रेयसी टुडू ने कहा, “हमने आरजी कर कांड के विरोध में ‘स्ट्रीट पेंटिंग’ की थी, और इसी वजह से श्यामल सर ने हमें कक्षा से बाहर निकाल दिया। यह भी ‘थ्रेट कल्चर’ का हिस्सा है। हम उनके इस काम को स्वीकार नहीं कर सकते और अपनी कक्षा में वापस जाना चाहते हैं।”
दूसरी छात्रा अपर्णा मंडल ने कहा, “आरजी कर कांड के विरोध में पूरी दुनिया सड़कों पर उतर रही है। हमने भी कॉलेज के गेट के बाहर शांतिपूर्ण तरीके से अपना विरोध जताया। लेकिन केवल इसी वजह से हमें कक्षा से बाहर कर दिया गया!”
उन्होंने आगे कहा, “हम शिक्षक को अभिभावक के रूप में देखते हैं, लेकिन ऐसा व्यवहार उनसे बिल्कुल अप्रत्याशित था। हम इस घटना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।”
इस पूरे मामले पर पूर्व मंत्री श्यामल सांत्रा का पक्ष अलग है। उन्होंने कहा, “ये दोनों छात्राएं कक्षा के दौरान एक राजनीतिक पार्टी के लिए पर्चे बांटती थीं और अन्य छात्राओं से चंदा मांगकर उन्हें परेशान करती थीं। कई छात्राओं ने लिखित रूप से मेरे पास शिकायत की थी। कक्षा में बेहतर पढ़ाई के माहौल को बनाए रखने के लिए इन दोनों को कक्षा से बाहर किया गया। अगर ये छात्राएं अपने व्यवहार में सुधार करती हैं, तो वे कक्षा में वापस आ सकती हैं।”
बांकुड़ा जिला सरदामणि महिला कॉलेज के टीचर-इंचार्ज देवव्रत मुखोपाध्याय ने कहा, “विभाग प्रमुख ने क्या किया, इसकी मुझे जानकारी नहीं है। लेकिन चूंकि मैं कॉलेज का प्रमुख हूं, इसलिए इस घटना की जिम्मेदारी से बच नहीं सकता। जल्द ही इन दोनों छात्राओं को कक्षा में वापस लाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।”