कोलकाता : आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक महिला डॉक्टर की मौत के बाद पोस्टमॉर्टम प्रक्रिया को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। इस मामले में हत्या और बलात्कार के आरोपों की जांच कर रही सीबीआई ने पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर अपूर्व विश्वास से पूछताछ की।
डॉक्टर अपूर्व को सीजीओ कॉम्प्लेक्स बुलाया गया था, जहां उन्होंने जांचकर्ताओं के सवालों का जवाब दिया। अपूर्व ने आरोप लगाया कि एक अज्ञात व्यक्ति, जो खुद को मृतक छात्रा का काका और पूर्व काउंसिलर बता रहा था, ने उन पर दबाव डाला कि पोस्टमॉर्टम तुरंत किया जाए, नहीं तो “रक्त की नदी बहा देने” की धमकी दी गई। अपूर्व ने कहा कि उन्होंने उस व्यक्ति का नाम याद नहीं रखा, लेकिन वो शायद छात्रा के इलाके का काउंसिलर था।
सीबीआई सूत्रों के अनुसार, डॉक्टर अपूर्व से पोस्टमॉर्टम के समय और प्रक्रिया के बारे में पूछताछ की गई। खासकर, सूर्यास्त के बाद पोस्टमॉर्टम किए जाने और उसमें हुई कथित गड़बड़ियों पर सवाल उठाए गए। फोरेंसिक विशेषज्ञों ने भी इस मामले में डॉक्टर अपूर्व से जानकारी ली।
सीबीआई ने अपूर्व से यह भी पूछा कि क्या किसी ने पोस्टमॉर्टम के समय कोई निर्देश दिया था और वह व्यक्ति कौन था? आरोप है कि डॉक्टर अपूर्व, हत्या के मुख्य आरोपित और आरजी कर के पूर्व प्रिंसिपल संदीप के काफी करीबी हैं।
सूत्रों के मुताबिक, मृतक डॉक्टर छात्रा के माता-पिता ने दूसरी बार पोस्टमॉर्टम की मांग की थी, लेकिन पुलिस और अस्पताल प्रशासन ने इस पर ध्यान नहीं दिया। पोस्टमॉर्टम के बाद शव को तुरंत अंतिम संस्कार कर दिया गया ताकि दोबारा पोस्टमॉर्टम न किया जा सके।
तफ्तीश के दौरान, सीबीआई ने अन्य डॉक्टरों से भी पूछताछ की, जिनमें बर्दवान मेडिकल कॉलेज के पूर्व रेजिडेंट डॉक्टर बिप्राक्ष विश्वास और आरजी कर के जूनियर डॉक्टर सौरव पाल शामिल हैं।
इसके अलावा, टाला थाने के सब-इंस्पेक्टर चिन्मय विश्वास से भी पूछताछ की गई, जो घटना के समय आरजी कर अस्पताल में मौजूद थे। मामले की जांच कर रहे अधिकारियों ने चिन्मय की भूमिका पर सवाल उठाए, खासकर सीसीटीवी फुटेज और फोरेंसिक सबूत इकट्ठा करने में हुई चूक पर।
सीबीआई ने आरजी कर अस्पताल के प्रशासनिक भवन से कई दस्तावेज भी जब्त किए और संदीप के ऑफिस की जांच की।