कोलकाता : पानीहाटी के तृणमूल कांग्रेस विधायक निर्मल घोष को लगभग छह घंटे की मैराथन पूछताछ के बाद सीबीआई ने वापस भेजा है। सीबीआई ने उनसे नौ अगस्त को आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक युवती डॉक्टर की मौत के दिन उनकी उपस्थिति को लेकर सवाल किए।
पूछताछ के दौरान निर्मल घोष से पूछा गया कि क्या वे किसी के निर्देश पर उस दिन अस्पताल गए थे ? इसका जवाब देते हुए विधायक ने कहा कि अभया मेरे विधानसभा क्षेत्र की निवासी थीं और डॉक्टर भी थीं। नैतिक जिम्मेदारी के तहत मैं अस्पताल गया था। उन्होंने बताया कि वे नौ अगस्त को करीब साढ़े तीन बजे अस्पताल पहुंचे थे।
इसके बाद उनसे यह भी सवाल किया गया कि क्या उनकी मुलाकात उस समय के आर.जी. कर के प्रिंसिपल संदीप घोष से हुई थी ? इस पर उन्होंने पहले संदीप घोष को पहचानने से इंकार किया और बाद में पत्रकारों द्वारा संदीप घोष का परिचय दिए जाने पर बताया कि मुलाकात हुई थी, लेकिन कोई बातचीत नहीं हुई।
उल्लेखनीय है कि पीड़िता के परिवार द्वारा पहले ही आरोप लगाया गया था कि युवती के शव का जल्द अंतिम संस्कार करने के लिए उन पर दबाव डाला जा रहा था। इन आरोपों में पानीहाटी के विधायक निर्मल घोष का नाम भी सामने आया था। इस मुद्दे पर जब उनसे सवाल किया गया तो विधायक ने इसे टाल दिया।
नौ अगस्त को जब आर.जी. कर अस्पताल से मृत युवती का शव पानीहाटी स्थित उसके घर ले जाया गया, तब अंतिम संस्कार को लेकर विधायक की महत्वपूर्ण भूमिका देखी गई थी। सीबीआई के पास पहले से ही इस घटना की तस्वीरें और जानकारियां मौजूद थीं। अंतिम संस्कार में विधायक की तत्परता के पीछे क्या कारण थे ? यह सवाल सीबीआई की जांच के केंद्र में था।
इस मामले में घोला थाना प्रभारी को भी कई बार तलब किया गया, लेकिन वे अनुपस्थित रहे। घटना के दिन का वीडियो फुटेज सीबीआई अधिकारियों ने देखा था, जिसमें श्मशान की गतिविधियां दर्ज थीं। इसके बाद ही सीबीआई ने विधायक निर्मल घोष को पूछताछ के लिए बुलाया। विधायक ने कई जानकारियां दीं और जरूरत पड़ने पर फिर से सहयोग करने का आश्वासन दिया।