कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस के प्रमुख नेता अनुब्रत मंडल की दो साल बाद जेल से वापसी ने बीरभूम जिले की राजनीति में हलचल मचा दी है। हाल ही में, मंडल की वापसी के बाद जिले में राजनीतिक समीकरण फिर से बदलने लगे हैं। खासकर उनके पुराने विरोधी, काजल शेख, जिन्होंने अपने क्षेत्र नानूर में समर्थकों के साथ एक बैठक में उन्हें तीखे शब्दों में चेतावनी दी।
मंगलवार को जेल से छूटने के बाद, अनुब्रत मंडल ने जिले में वापस कदम रखा और बुधवार को बोलपुर में तृणमूल कांग्रेस के जिला कार्यालय में एक बैठक की। हालांकि, इस बैठक में जिला परिषद के अध्यक्ष काजल शेख मौजूद नहीं थे। मंडल और शेख के बीच पहले से ही रिश्ते मधुर नहीं रहे हैं, और शेख की हालिया बयानबाजी ने इस पुराने विवाद को और गहरा कर दिया है।
गुरुवार को नानूर के बसापाड़ा में काजल शेख ने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ एक बैठक की, जहां उन्होंने कहा, “मैं शतरंज खेलना जानता हूं, और कबड्डी भी। खेल होगा, लेकिन गाना सुनाकर कोई फायदा नहीं है। पंगा लेने मत आओ, चूड़ियां पहनकर नहीं बैठे हैं। जिस दिन खेल खत्म करेंगे, पूरी तरह खत्म कर देंगे।”
हालांकि, शेख ने अपने बयान में किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन जिले की राजनीति के जानकार मानते हैं कि यह चेतावनी सीधे तौर पर नानूर के तृणमूल नेता करिम खान के लिए थी, जो अनुब्रत मंडल के करीबी माने जाते हैं।
करिम खान वही नेता हैं जो अनुब्रत मंडल के जेल में रहने के दौरान लगातार उनसे संपर्क में रहे। करीम मंडल के मुकदमों की सुनवाई के दौरान दिल्ली में अक्सर मौजूद रहते थे और उनके साथ नियमित संवाद बनाए रखते थे। दूसरी ओर, काजल शेख का उभार भी नानूर से ही हुआ था, लेकिन मंडल की अनुपस्थिति में काजल को जिले की जिम्मेदारी सौंप दी गई थी, और वे जिला परिषद के अध्यक्ष बने। काजल के समर्थकों का मानना है कि अगर मंडल जिले में होते तो शेख कभी इस पद पर नहीं पहुंचते।
मंगलवार रात को करीम खान ने अपने समर्थकों के साथ नानूर के बसापाड़ा पार्टी कार्यालय में बैठक की, जिसके बाद अगले ही दिन काजल शेख ने भी उसी क्षेत्र में अपनी बैठक की और मंडल के करीबियों को खुली चेतावनी दी। अब उन्होंने सीधे तौर पर पंगा नहीं लेने की धमकी दी है।