पूर्वी चंपारण : शराबबंदी वाले राज्य बिहार में एक शिक्षिका द्वारा सरकारी स्कूल में बच्चों को मुहावरों का अर्थ बताए जाने की एक तस्वीर वायरल हो रही है। इस वायरल होती तस्वीर की सत्यता की पुष्टी सलाम दुनिया नहीं करता है।
पूर्वी चंपारण जिले की एक शिक्षिका द्वारा बच्चों को मुहावरा पढ़ाने में ब्लैक बोर्ड पर लिखे गये शब्दों में ज्यादातर में शराब का उदाहरण दिया गया है। जो शराबबंदी वाले राज्य में विवादों में घिर गया है।
शिक्षिका ने लिखा है कि ‘हाथ पांव फूलना मतलब समय पर दारू का नही मिलना, कलेजा ठंडा होने का मतलब पैग गले के नीचे उतरना, नेकी कर दरिया में डाल मतलब फ्री में दोस्तों को दारू पिलाना।’ अब ब्लैक बोर्ड पर लिखे उनके अर्थों का फोटो वायरल हो रहा है।
लिहाजा उक्त फोटो वायरल होने के बाद पूरे शिक्षा विभाग में हडकंप है। वहीं डीईओ के निर्देश पर ढाका बीईओ ने शिक्षिका से स्पष्टीकरण की मांग की है। मामला ढाका प्रखंड के मध्य विद्यालय जमुआ का बताया जा रहा है।
शिक्षिका से मांगे गये स्पष्टीकरण में लिखा गया है कि आपके द्वारा वर्ग 04 में बच्चों को हिंदी विषय पढ़ाया गया है। जिसमें बोर्ड पर मुहावरा पढ़ाया गया है उससे शिक्षा विभाग की छवि धूमिल हो रही है। ऐसे मुहावरे का अर्थ बच्चों द्वारा अभिभावकों बताने पर सरकारी विद्यालय के प्रति नफरत बढेगा।आपके लिखे मुहावरे के अर्थ सोशल मीडिया पर भी फैल रहा है। जो आपके शिक्षक होने पर प्रश्नचिह्र खड़ा कर रहा है। अत: 24 घंटे में अपने इस कार्य के संदर्भ में स्थिति स्पष्ट करें।
मुहावरों का किताबी अर्थ :
हाथ-पांव फूलना : घबरा जाना।
कलेजा ठंडा होना : संतोष की प्राप्ति।
नेकी कर दरिया में डाल : निस्वार्थ भाव से अच्छा काम करना।