कोलकाता : पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टरों के बीच उभरे आंतरिक विवाद ने एक नया मोड़ ले लिया है। हाल ही में गठित संगठन “वेस्ट बंगाल जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन” ने राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत को एक ईमेल भेजकर 8-सूत्रीय मांगें रखीं। प्रमुख मांगों में ‘अभया’ के नाम पर की जा रही कथित अवैध वसूली की जांच और ऑडिट शामिल है। इस संगठन का नेतृत्व श्रीश चक्रवर्ती और प्रणय चौधुरी कर रहे हैं, जिन्होंने रविवार रात को यह ईमेल भेजा। इन्होंने आरोप लगाया है कि अनिकेत महतो समेत जूनियर डॉक्टरों के अन्य नेताओं ने अभया के नाम पर जमकर वसूली और बंदर बांट की है।
गत सप्ताह से ही जूनियर डॉक्टरों के दो गुटों के बीच तनाव बढ़ता जा रहा था, जब “जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट” द्वारा आयोजित एक जन सम्मेलन के दौरान “वेस्ट बंगाल जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन” के गठन की घोषणा की गई । नए संगठन ने जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट पर ‘थ्रेट कल्चर’ के आरोप लगाए हैं और इसकी पारदर्शिता पर सवाल खड़े किए हैं। उल्लेखनीय है कि कुछ समय पूर्व, हाईकोर्ट ने भी इन डॉक्टरों का पक्ष लेते हुए उन्हें सस्पेंड न करने की सिफारिश की थी।
ईमेल में नए संगठन ने विशेष रूप से ‘अभया’ के नाम पर हुई कथित 4.5 करोड़ रुपये की वसूली की पारदर्शिता पर सवाल उठाए हैं। संगठन ने इस फंड की ऑडिट कराने की मांग की है, ताकि इसकी वसूली के स्रोतों का खुलासा हो सके। साथ ही, अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था सुधारने के लिए राज्य सरकार से मदद की भी अपील की है।
जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन ने यह भी मांग की है कि राज्य द्वारा गठित टास्क फोर्स में सभी मेडिकल कॉलेजों के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाए और इस कमेटी को पारदर्शिता के साथ गठित किया जाए। नए संगठन का कहना है कि जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट अपने सदस्यों को इन समितियों में बिठाकर पारदर्शिता को प्रभावित कर सकता है।
श्रीश चक्रवर्ती और प्रणय चौधुरी द्वारा भेजे गए इस 8-सूत्रीय मांग पत्र ने एक बार फिर जूनियर डॉक्टरों के बीच जारी मतभेदों को उजागर कर दिया है।