कोलकाता : पश्चिम बंगाल के आगामी उपचुनावों को देखते हुए निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने राज्य के छह संवेदनशील विधानसभा क्षेत्रों में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की तैनाती को बढ़ाने का निर्णय लिया है। इन क्षेत्रों की संवेदनशीलता और राज्य की कुछ राजनीतिक ताकतों की अपील के कारण पहले से निर्धारित तैनाती संख्या को बढ़ाया गया है।
पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय के सूत्रों के अनुसार, पहले 89 कंपनियों की तैनाती का निर्णय लिया गया था, जिसमें क्षेत्रीय नियंत्रण के लिए केंद्रीय बलों का प्रबंधन किया गया था। हालांकि, अब अतिरिक्त 19 कंपनियां बढ़ाई गई हैं, जिससे कुल संख्या 108 हो गई है।
प्रारंभिक तैनाती में 89 कंपनियों में से 30 कंपनियां सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की, 24 केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की, 13 सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) की, 12 केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) की और 10 इंडो-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की थीं। नए निर्णय के तहत अब पांच अतिरिक्त कंपनियां सीआरपीएफ की, 10 बीएसएफ की और दो-दो आईटीबीपी और सीआईएसएफ की तैनात की जाएंगी।
उपचुनाव वाले ये छह विधानसभा क्षेत्र पांच जिलों में फैले हैं। इसमें कूचबिहार जिले में सिताई, अलीपुरद्वार में मदारीहाट, बांकुड़ा में तालडांगर, पश्चिम मेदिनीपुर जिले में मेदिनीपुर और उत्तर 24 परगना जिले में हारोआ और नैहाटी शामिल हैं। इन क्षेत्रों में मतदान 13 नवंबर को होगा और मतगणना 23 नवंबर को होगी।
उल्लेखनीय है कि इन छह विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव इसलिए हो रहे हैं क्योंकि यहां के पूर्व विधायक इस साल हुए लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए हैं। 2021 के विधानसभा चुनावों में मदारीहाट को छोड़कर बाकी पांच क्षेत्रों में तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी।