कोलकाता : कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल में एक मरीज की मौत के बाद राज्य के स्वास्थ्य सेवाओं पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। घटना मंगलवार को सामने आते ही गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। यहां तक कि मरीज के परिजनों के पास मुख्यमंत्री की ओर से भर्ती करने के अनुरोध वाला पत्र भी था, लेकिन एडमिट नहीं किया गया।
यह घटना सोमवार रात की है, जब सुशील हालदार (55) नामक मरीज को नाक और मुंह से अचानक रक्तस्राव होने के बाद कोलकाता के एनआरएस मेडिकल कॉलेज में भर्ती करने का प्रयास किया गया। हालांकि, एनआरएस अस्पताल ने उसे एसएसकेएम अस्पताल रेफर कर दिया। इसके बावजूद, एसएसकेएम ने भी उसे भर्ती नहीं किया और वापस एनआरएस भेज दिया गया। जब फिर से एसएसकेएम में स्थानांतरित किया गया, तब वहां बेड उपलब्ध न होने के कारण मरीज को भर्ती नहीं किया गया, और न ही इलाज मुहैया कराया गया।
स्थिति बिगड़ने पर मंगलवार सुबह मरीज के परिवारजन मुख्यमंत्री के कार्यालय पहुंचे और मामले की जानकारी दी। इसके बाद मुख्यमंत्री के कार्यालय से एसएसकेएम में मरीज को भर्ती करने के लिए पत्र जारी किया गया। लेकिन जब तक मरीज को एसएसकेएम अस्पताल के आपातकालीन विभाग में पहुंचाया गया, तब तक उसकी मृत्यु हो चुकी थी।
मरीज के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही और बार-बार अस्पताल बदलने की प्रक्रिया को उसकी मौत का जिम्मेदार ठहराया है। वहीं, इस घटना के बाद चिकित्सा प्रबंधन पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। डॉक्टर सुर्वण गोस्वामी ने इस घटना पर नाराजगी जताते हुए कहा, “लगातार ऐसी घटनाएं हो रही हैं। जूनियर डॉक्टरों ने कई बार रेफर सिस्टम को सुधारने की मांग की है, लेकिन अब तक इस पर ध्यान नहीं दिया गया।”
उल्लेखनीय है कि राज्य में केंद्रीय रेफरल सिस्टम की मांग लंबे समय से की जा रही है ताकि ऐसे गंभीर मरीजों को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल भेजने की नौबत न आए और उन्हें समय पर इलाज मिले।